मुंबई, 14 सितंबर (भाषा) प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी आईबीएम ने बुधवार को ‘मूनलाइटिंग’ को अनैतिक करार दिया। जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के अलावा स्वतंत्र रूप से कोई अन्य काम भी करता है, तो उसे तकनीकी तौर पर ‘मूनलाइटिंग’ कहा जाता है। प्रौद्योगिकी पेशेवरों के बीच ‘मूनलाइटिंग’ के बढ़ते चलन ने उद्योग में एक नई बहस छेड़ दी है।
आईबीएम के प्रबंध निदेशक (भारत और दक्षिण एशिया) संदीप पटेल ने कहा कि कंपनी में शामिल होने के समय कर्मचारी एक समझौते पर हस्ताक्षर करते हैं कि वे सिर्फ आईबीएम के लिए काम करेंगे।
उन्होंने कंपनी के एक कार्यक्रम के मौके पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘… लोग अपने बाकी समय में जो चाहें कर सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद ऐसा (मूनलाइटिंग) करना नैतिक रूप से सही नहीं है।”
भारत में प्रौद्योगिकी कंपनियां मूनलाइटिंग पर अलग-अलग राय दे रही हैं। विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी ने हाल में इसे नियोक्ता कंपनी के साथ धोखा बताया था।
पटेल ने कहा, ‘‘आप इस पर रिशद की राय जानते हैं ना? मैं रिशद की राय से इत्तेफाक रखता हूं।”
भारत में कंपनी की भर्ती योजनाओं के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान अपने घर से काम करने वाले कर्मचारी पूरी तरह वापस नहीं लौटे हैं और इसलिए आईटी कंपनियों ने मिश्रित या हाइब्रिड मॉडल अपनाया है।
उन्होंने कहा कि कंपनी देश में अपनी उपस्थिति को और अधिक व्यापक बनाना चाहती है। साथ ही उन्होंने दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों को उभरते केंद्र बताया।
आईबीएम इंडिया ने हाल ही में मैसूर में एक डिलिवरी केंद्र का उद्घाटन किया। कंपनी के कोलकाता और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कार्यालय भी हैं।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.