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Sunday, 17 August, 2025
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आईबीबीआई का ऋण शोधन पेशेवरों के लिए कार्य आवंटन सीमा तय करने का प्रस्ताव

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नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) भारतीय दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने कार्यकुशलता में सुधार और काम के समान वितरण को सुनिश्चित करने के लिए, ऋण शोधन पेशेवरों (आईपी) को आवंटित कार्यों की संख्या को लेकर सीमा तय करने का प्रस्ताव किया है।

वर्तमान में, कंपनी दिवाला समाधान प्रक्रियाओं (सीआईआरपी) में समाधान पेशेवरों के रूप में ऋण शोधन पेशेवरों के लिए अधिकतम कार्यों की संख्या 10 तक सीमित हैं। इनमें से अधिकतम तीन में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के स्वीकृत दावे शामिल हो सकते हैं।

आईबीबीआई ने मंगलवार को एक परिचर्चा पत्र में कहा कि प्रस्तावित बदलाव से इस सीमा का विस्तार होगा और इसमें आईआरपी और परिसमापक की भूमिकाएं भी शामिल होंगी। इन कार्यों की जटिलता और समय की मांग को ध्यान में रखते हुए यह प्रस्ताव किया गया है।

यह कदम इस चिंता के बीच उठाया गया है कि ऋण शोधन पेशेवरों का एक छोटा समूह बड़ी संख्या में कार्यों को संभाल रहा है। कुछ मामलों में यह संख्या 25 तक है। जबकि नए पंजीकृत पेशेवरों को काम के असमान वितरण के कारण प्रवेश में बाधाओं का सामना करना पड़ता है।

मार्च, 2025 तक, 4,527 पंजीकृत आईपी में से 2,198 के पास कार्यों के लिए वैध मंजूरी थी। इनमें से कई अपनी नियमित ‘प्रैक्टिस’ के साथ-साथ कई भूमिकाएं निभा रहे थे।

आईबीबीआई ने कहा कि प्रस्तावित रूपरेखा के तहत, नए नियम लागू होने पर समाधान पेशेवर, आईआरपी या परिसमापक के रूप में, पहले से ही 10 या अधिक कार्य संभाल रहे आईपी को तबतक नया काम लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी जबतक कि उनके पास सक्रिय कार्य सीमा से नीचे न आ जाए।

ये बदलाव आईबीबीआई के (ऋण शोधन पेशेवर) विनियमन, 2016 के तहत आचार संहिता के खंड 22 को हटाकर और कुल कार्यों को सीमित करने वाले एक नए मानदंड को शामिल कर लागू किए जाएंगे।

एक अलग परिचर्चा पत्र में, आईबीबीआई ने ऋण शोधन पेशेवरों (आईपी) के लिए आचार संहिता से खंड छह को हटाने का भी प्रस्ताव रखा है। इसके लिए परिसमापन और दिवाला कार्यवाही के दौरान कर्जदारों की संपत्तियों की बिक्री को नियंत्रित करने वाले मौजूदा नियमों के दोहराव का हवाला दिया गया है।

भारतीय दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने प्रस्तावों पर एक सितंबर तक लोगों से सुझाव मांगे हैं।

भाषा रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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