नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने सभी बैंकों से स्विफ्ट आईएसओ-20022 मानदंडों के कार्यान्वयन में तेजी लाने को कहा है।
आईबीए ने कहा कि ऐसा न करने पर उन्हें सीमापार भुगतान में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
ऋणदाताओं के लिए आईएसओ-20222 लेनदेन की मात्रा की निगरानी के लिए पर्याप्त बफर समय सुनिश्चित करने को अगस्त, 2025 तक स्थानांतरण शुरू करना आवश्यक है। आईबीए के मुख्य कार्यकारी अतुल कुमार गोयल ने हाल में सभी बैंकों के प्रमुखों को लिखे एक पत्र में यह बात कही।
आईएसओ-20022 वित्तीय संदेश के लिए एक वैश्विक मानक है, जिसे सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन (स्विफ्ट) सीमापार भुगतान और रिपोर्टिंग के लिए अपना रहा है।
संदेश के लिए इस नए मानक का मकसद तेज प्रसंस्करण, दृश्यता, लागत में कमी, बेहतर समाधान और भुगतान प्रवाह में सुधार करना है।
पत्र में कहा गया कि भारत में कम से कम तीन बैंकों ने 85 प्रतिशत से अधिक की स्थानांतरण प्रतिशत दर हासिल कर ली है, जबकि अधिकांश बैंक अब भी नवंबर, 2025 की वैश्विक समयसीमा के आसपास बदलाव का लक्ष्य बना रहे हैं।
गोयल ने बैंकों को आगाह किया कि इस नजरिये से भारत के लिए एक देश के रूप में संदेश अस्वीकृति सहित कई महत्वपूर्ण परिचालन और तकनीकी जोखिम पैदा हो सकते हैं।
भाषा पाण्डेय अजय
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