नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) एसयूवी खंड में दोबारा कदम रखने की तैयारियों में जुटी जापानी वाहन विनिर्माता होंडा को आने वाले समय में अपने भारतीय कारोबार में वृद्धि की उम्मीद है।
होंडा कार्स इंडिया के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी ताकुया सुमुरा ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में इसकी उम्मीद जताते हुए कहा कि कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में अपने कारोबार गठन को फिर से ‘सेहतमंद’ बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि पिछले तीन वर्षों में कंपनी को मुश्किल हालात का सामना करना पड़ा। उन्होंने इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ कदम बढ़ाने के नीतिगत निर्णय का जिक्र करते हुए कहा कि इस नई वाहन प्रौद्योगिकी के हिसाब से संयंत्रों एवं परिचालन के पुनर्गठन की जरूरत पड़ी।
सुमुरा ने कहा कि कारोबार पुनर्गठन प्रक्रिया के तहत होंडा के कई वैश्विक संयंत्रों को बंद करने का फैसला किया गया जिसमें एक संयंत्र भारत में भी स्थित है। उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में हमारे लिए वक्त मुश्किल था लेकिन मैं अब कह सकता हूं कि यह दौर बीत चुका है और कंपनी अब सेहतमंद स्थिति में है।’
उन्होंने भारत को होंडा के लिए अहम बाजार बताते हुए कहा कि कंपनी ने यहां पर अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए फिर से एसयूवी खंड में कदम रखने का फैसला किया है। होंडा भारत में अगले साल अपना एसयूवी मॉडल लाने की योजना पर काम कर रही है।
भारत में बहुत तेजी से बढ़ते एसयूवी खंड में होंडा की फिलहाल कोई मौजूदगी नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में होंडा ने सीआर-वी, बीआर-वी और मोबिलिओ जैसे मॉडल को बंद कर दिया है। कंपनी ने अपने मॉडल जैज और डब्ल्यूआर-वी को भी अगले साल से बंद करने की घोषणा की हुई है। होंडा इस समय भारत में सिर्फ सिटी, सिटी ईएचवी और अमेज मॉडलों की ही बिक्री कर रही है।
ऐसी स्थिति में होंडा की भारतीय कार बाजार में हिस्सेदारी घटकर सिर्फ 2.79 प्रतिशत पर आ गई है जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में यह 5.44 प्रतिशत थी।
सुमुरा ने कहा, ‘एसयूवी बाजार बहुत मजबूती से बढ़ा है और अब यह कुल यात्री वाहन बाजार का करीब 50 प्रतिशत हो चुका है। लेकिन इस खंड में हमारी कोई मौजूदगी ही नहीं है। हमें यकीन है कि अगले साल हमारी एसयूवी आने पर हमारी बिक्री भी बढ़ेगी।’
भाषा प्रेम
प्रेम पाण्डेय
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