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Friday, 15 November, 2024
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नये संपत्ति गुणवत्ता नियम से आवास वित्त कंपनियों का फंसा कर्ज 0.7 प्रतिशत बढ़ा: रिपोर्ट

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मुंबई, 17 फरवरी (भाषा) पिछले साल नवंबर में संपत्ति की गुणवत्ता को लेकर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और आवास वित्त कंपनियों (एसएफसी) को बैंकों के समरूप लाने के बाद से एचएफसी का सकल फंसा कर्ज 0.70 प्रतिशत बढ़ा है।

क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।

हालांकि, इसमें फंसे ऋण के इस तिमाही के अंत तक स्थिर होने की उम्मीद जतायी गयी है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने 12 नवंबर, 2021 को कर्ज देने वाले सभी वित्तीय संस्थानों के लिये संपत्ति गुणवत्ता की जानकारी देने को लेकर कड़े मानदंड लागू किये। इसमें एनबीएफसी, आवास वित्त कंपनियों को वाणिज्यिक बैंकों के समरूप रखा गया था।

हालांकि, नये नियम सभी के लिये 31 दिसंबर, 2021 से लागू होने थे, आरबीआई ने इसी सप्ताह एनबीएफसी और आवास वित्त कंपनियों के लिये समयसीमा बढ़ाकर 30 सितंबर, 2022 कर दी।

क्रिसिल की बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, सस्ते मकान के लिये कर्ज देने वाली कंपनियों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में 1.40 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं अन्य आवास वित्त कंपनियों का सकल एनपीए 31 दिसंबरर, 2021 को बढ़कर 3.3 प्रतिशत हो गया जो सितंबर, 2021 में तीन प्रतिशत था। इसका मुख्य कारण एनपीए की पहचान और आकलन को लेकर 12 नवंबर, 2021 को जारी परिपत्र है।

इसमें कहा गया है कि अगर ऐसा नहीं होता, दिसंबर में एनपीए 2.6 प्रतिशत होता। इसका मतलब है कि नये नियमों के कारण कुल संपत्ति गुणवत्ता पर 0.70 प्रतिशत का असर पड़ा है।

क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में 35 आवास वित्त कंपनियों का अध्ययन किया। इनके पास उद्योग की 95 प्रतिशत प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां हैं।

रिजर्व बैंक ने 15 फरवरी, 2022 को एनपीए से जुड़े संशोधित नियमों को लागू करने की समयसीमा 31 दिसंबर, 2021 से बढ़ाकर 30 सितंबर, 2022 कर दी। हालांकि, इसका ज्यादा प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है क्योंकि ज्यादातर आवास वित्त कंपनियां पहले ही आकलन के नये तरीके को अपना चुकी हैं और चालू वित्त वर्ष के अंत तक अपने सकल एनपीए अनुपात में सुधार लाने और उसे तीन प्रतिशत के स्तर पर लाने की स्थिति में हैं।

भाषा रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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