नयी दिल्ली, 22 फरवरी (भाषा) घर खरीदारों का मानना है कि किसी आवासीय परियोजना का निर्माण शुरू होने के साथ ही रेरा कानून के तहत विकास प्राधिकरण और नियामक को निर्माण गुणवत्ता की निगरानी करनी चाहिए।
हरियाणा के गुरुग्राम में चिंटेल्स पैराडिसो आवासीय परियोजना के तहत एक टावर के आंशिक रूप से गिरने की घटना के बाद घर खरीदारों के शीर्ष निकाय फोरम फॉर पीपल्स कलेक्टिव अफर्ट्स (एफपीसीई) का यह बयान आया है।
एफपीसीई ने कहा यह मामला रियल्टी कानून रेरा के तहत राज्य विकास प्राधिकरणों और रियल एस्टेट नियामकों दोनों के कामकाज में गंभीर चूक को दर्शाता है। 10 फरवरी को हुए इस हादसे में दो लोगों की जान गई थी। इसी तरह एक अन्य मामले में गुरुग्राम में 700 फ्लैट की एक आवासीय सोसायटी को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है। अब इसे गिराया जाएगा। इस परियोजना का निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की एनबीसीसी लि. ने किया है।
एफपीसीई के अध्यक्ष अभय उपाध्याय ने कहा, ‘‘घर खरीदार अपनी मेहनत की कमाई को जीवनभर के लिए घर खरीदने पर खर्च कर देते हैं। लेकिन इस मामले में कब्जा मिलने के चार साल के भीतर यह इमारत गिर गई। इसने विकास प्राधिकरणों और रेरा अधिकारियों दोनों के काम में गंभीर चूक को उजागर किया है।’’
उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट डेवलपर्स को निश्चित रूप से खराब निर्माण गुणवत्ता के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए, लेकिन इन अधिकारियों की भी जवाबदेही बनती है।
उपाध्याय ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में ऐसे कई मामले देखे गए हैं जहां छत का कुछ हिस्सा गिर गया हो, लेकिन अब भी विकास प्राधिकरण या रेरा अधिकारियों द्वारा निर्माण अवधि के दौरान या कब्जा देने से पहले गुणवत्ता की जांच के लिए कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
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