नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) वेदांता समूह की इकाई हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) ने भोपाल स्थित वीईएक्सएल एनवायरन प्रोजेक्ट्स के साथ अपशिष्ट प्रबंधन संबंधी एक प्रायोगिक परियोजना शुरू करने के लिए शुक्रवार को एक समझौता किया।
इस परियोजना का उद्देश्य अपशिष्ट उत्पादों को उपयोगी संसाधनों में परिवर्तित करना है। यह समझौता हिंदुस्तान जिंक की पुनर्चक्रण, दोबारा उपयोग और पुनर्प्राप्ति की अपशिष्ट प्रबंधन रणनीति के अनुरूप है।
एचजेडएल ने एक बयान में अपशिष्ट उपयोग और धन सृजन के जरिये अग्रणी टिकाऊ समाधान के लिए एक प्रायोगिक संयंत्र स्थापित करने के लिए ‘‘समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की।
यह परियोजना प्रायोगिक संयंत्र में उत्पादक अनुप्रयोगों के लिए जस्ता निकालने के दौरान उत्पन्न जैरोसाइट और जैरोफिक्स जैसे अपशिष्ट उत्पादों के इस्तेमाल पर केंद्रित है।
हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा, ‘‘यह साझेदारी हमें अपने अपशिष्ट प्रवाह के भीतर छिपे वास्तविक मूल्य को उजागर करने और उन्हें हरित भविष्य के लिए मूल्यवान संसाधनों में बदलने की अनुमति देती है।’’
भाषा राजेश राजेश प्रेम
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