नयी दिल्ली, छह मई (भाषा) हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) का शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष (2024-25) की जनवरी-मार्च की चौथी तिमाही में 26 प्रतिशत बढ़ा है। ऊंचे रिफाइनिंग मार्जिन ने बकाया एलपीजी सब्सिडी को खत्म करने में मदद की, जिससे इस दौरान कंपनी का मुनाफा बढ़ा है।
कंपनी ने मंगलवार को शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि मार्च तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध लाभ 3,415.44 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 2,709.31 करोड़ रुपये था।
कंपनी का मुनाफा पिछली (अक्टूबर-दिसंबर) तिमाही के 2,543.65 करोड़ रुपये की तुलना में भी बढ़ा है।
दो तेल रिफाइनरियों का संचालन करने वाली कंपनी ने मार्च तिमाही में कच्चे तेल के प्रत्येक बैरल को ईंधन में बदलने पर 8.44 डॉलर कमाए, जबकि एक साल पहले इसका सकल रिफाइनिंग मार्जिन 6.96 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था।
घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) पर 3,295.6 करोड़ रुपये की बकाया सब्सिडी के बावजूद कंपनी के लाभ में वृद्धि हुई।
एचपीसीएल और सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य ईंधन खुदरा विक्रेताओं ने एलपीजी को उत्पादन लागत से काफी कम कीमत पर बेचा। इस अंतर को सरकार द्वारा सब्सिडी के माध्यम से पूरा किया जाना था, लेकिन सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कोई सब्सिडी नहीं दी है।
कंपनी ने बयान में कहा, “मार्च तिमाही में बहुत मजबूत परिचालन प्रदर्शन देखने को मिला। रिफाइनरियों ने 67.4 लाख टन का अबतक का सबसे बेहतर तिमाही प्रदर्शन दर्ज किया। विपणन खंड ने शानदार प्रदर्शन करते हुए घरेलू बिक्री की मात्रा में 2.7 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की, जो उद्योग की 2.4 प्रतिशत की वृद्धि दर से अधिक है।”
तिमाही के दौरान, एचपीसीएल ने गुजरात के छारा में 50 लाख टन सालाना के एलएनजी आयात टर्मिनल पर परिचालन शुरू किया।
तेल की कम कीमतों के कारण कंपनी की परिचालन आय मार्च तिमाही में घटकर 1.18 लाख करोड़ रुपये रह गई, जो मार्च में 1.21 लाख करोड़ रुपये थी।
भाषा अनुराग अजय
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