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हिमाचल ने दो जलविद्युत परियोजनाओं की स्थापना के लिए तेलंगाना के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

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शिमला, 29 मार्च (भाषा) हिमाचल प्रदेश सरकार ने लाहौल-स्पीति जिले में 400 मेगावाट की सेली और 120 मेगावाट की मियार जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना के लिए शनिवार को तेलंगाना सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से ऊर्जा सचिव राकेश कंवर और तेलंगाना सरकार की ओर से ऊर्जा के प्रधान सचिव संदीप कुमार सुल्तानिया ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क मल्लू भी मौजूद रहे।

दोनों परियोजनाएं चिनाब नदी के तट पर 6,200 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से स्थापित किये जाने की उम्मीद है और इससे राज्य के लगभग 5,000 युवाओं को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रोजगार मिलेगा।

समझौते के मुताबिक, तेलंगाना सरकार ने 26 करोड़ रुपये का अग्रिम प्रीमियम दिया है और इन दोनों परियोजनाएं चालू होने के बाद हिमाचल प्रदेश को राज्य सरकार की नई ऊर्जा नीति के तहत पहले 12 वर्षों, अगले 18 वर्षों और शेष 10 वर्षों के लिए क्रमशः 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत एवं 30 प्रतिशत मुफ्त बिजली मिलेगी। 40 वर्षों के बाद दोनों परियोजनाएं हिमाचल प्रदेश को हस्तांतरित कर दी जाएंगी।

इसके अतिरिक्त, तेलंगाना सरकार स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (एलएडीएफ) के लिए परियोजनाओं की लागत का 1.5 प्रतिशत योगदान देगी और कमीशन के बाद एलएडीएफ के लिए अतिरिक्त एक प्रतिशत मुफ्त बिजली प्रदान करेगी।

इन परियोजनाओं से प्रभावित होने वाले परिवारों को 10 वर्षों के लिए प्रति माह 100 यूनिट के बराबर मौद्रिक लाभ भी मिलेगा।

सुक्खू ने कहा कि यह सहयोग ऊर्जा क्षेत्र में अंतर-राज्यीय सहयोग के एक नए युग का प्रतीक है। उन्होंने तेलंगाना सरकार को बिजली बैंकिंग या व्यापार में आगे की साझेदारी का पता लगाने के लिए भी आमंत्रित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार राज्य के संसाधनों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, साथ ही यह भी सुनिश्चित करती है कि जलविद्युत परियोजनाएं राज्य के लोगों को लाभ पहुंचाएं। हम दोनों परियोजनाओं की स्थापना के लिए तेलंगाना सरकार को पूरा सहयोग देंगे और जल्द से जल्द निर्माण शुरू होने की उम्मीद करते हैं। ये समझौते दोनों राज्यों के लिए लाभदायक स्थिति हैं।’’

इस अवसर पर मल्लू ने कहा कि तेलंगाना सरकार दोनों राज्यों की तेजी से बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘तेलंगाना स्वच्छ और हरित ऊर्जा नीति, 2025 के अनुरूप यह समझौता ज्ञापन पर्यावरण स्थिरता सुनिश्चित करते हुए हमारे ऊर्जा पोर्टफोलियो में विविधता लाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश के साथ साझेदारी करके, हम अपने भविष्य के लिए स्वच्छ, हरित और अधिक विश्वसनीय बिजली हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं।’’

भाषा राजेश राजेश प्रेम

प्रेम

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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