नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को सीमापार देशों में व्यापार करने के दौरान उच्च लागत, लेन-देन से जुड़ी दिक्कतों समेत धोखाधड़ी जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एक सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष निकाला गया है।
एडेलमैन डाटा एंड इंटेलिजेंस के साथ पेपाल के एमएसएमई की डिजिटल तैयारियों पर सर्वेक्षण के अनुसार इन परेशानियों को पार करने के लिए एमएसएमई उद्योग तीसरे पक्ष के ऑनलाइन बिक्री मंचों के साथ साझेदारी कर रहे हैं और अपनी वेबसाइट और ऐप विकसित कर रहे हैं।
पेपाल के अनुसार, ‘‘सर्वेक्षण में शामिल 98 प्रतिशत व्यवसायों ने भुगतान के अधिक विकल्पों में निवेश करने के लिए रुचि व्यक्त की है। इसमें से 95 प्रतिशत भुगतान के नए तरीके पेश करने की सोच रहे हैं और 89 प्रतिशत कार्ड भुगतान को महत्तम करने के इच्छुक हैं। इसके अलावा 70 प्रतिशत पेपाल जैसे डिजिटल वॉलेट को स्वीकार करने पर काम कर रहे है।’’
यह सर्वेक्षण अक्टूबर-नवंबर, 2021 के बीच गया है। इसमें उन छोटे व्यवसायों पर कोरोना वायरस के प्रभाव का आकलन किया गया है, जो ऑनलाइन मंचों पर मौजूद है।
सर्वेक्षण का निष्कर्ष भारत के छोटे और मझोले उपक्रमों के 250 निर्णय लेने वाले अधिकारियों की प्रतिक्रिया पर आधारित है। यहां लघु और मझोले उपक्रमों से तात्पर्य पांच से 250 करोड़ रुपये तक के सालाना कारोबार वाली इकाइयों से है।
सर्वेक्षण में एमएसएमई उद्योग ने सीमापार व्यापार के लिए उच्च लागत को सबसे बड़ी चुनौती बताया है। वही 31 प्रतिशत प्रतिभागियों ने लेनदेन तथा 30 प्रतिशत ने धोखाधड़ी जैसे मामलों को बड़ी चिंता बताया है।
भाषा जतिन अजय
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