मुंबई, 18 जून (भाषा) एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शशिधर जगदीशन ने लीलावती ट्रस्ट की तरफ से लगाए गए वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों के आधार पर दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध करते हुए मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
मुंबई के मशहूर लीलावती अस्पताल का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट ने जगदीशन पर वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे जिसके बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है।
इस प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध करने वाली जगदीशन का याचिका का उल्लेख बुधवार को अदालत के समक्ष किया गया और इस पर आगे चलकर सुनवाई होगी।
एक मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के बाद यह प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। अदालत ने पुलिस को वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया था।
लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट (एलकेएमएम ट्रस्ट) ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि उसके ट्रस्टियों द्वारा गबन किए गए 14.42 करोड़ रुपये में से 2.05 करोड़ रुपये जगदीशन को मिले हैं।
ट्रस्ट ने यह दावा भी किया है कि कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) निधि के नाम पर अस्पताल के कर्मचारियों को 1.5 करोड़ रुपये की पेशकश करना सबूतों को नष्ट करने और न्याय में बाधा डालने की मंशा को दर्शाता है।
एलकेएमएम का आरोप है कि न्यायिक निष्कर्षों और कई शिकायतों के बावजूद एचडीएफसी बैंक कार्रवाई करने में नाकाम रहा जो कंपनी अधिनियम की धारा 166 और सेबी शासन के आदेशों का उल्लंघन है।
हालांकि, निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक ने अपने सीईओ पर लगाए गए इन आरोपों से इनकार करते हुए इसे ‘अपमानजनक और बेतुका’ बताया है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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