नयी दिल्ली, 11 अप्रैल (भाषा) नीति आयोग के राज्य ऊर्जा एवं जलवायु सूचकांक – चक्र 1 (एसईसीआई) में गुजरात ने बड़े राज्यों में शीर्ष स्थान हासिल किया है।
इस सूचकांक का मकसद छह मानकों पर राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग करना है, जिसमें बिजली वितरण कंपनियों का प्रदर्शन, ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा की पहुंच शामिल हैं।
नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात के बाद केरल और पंजाब का स्थान है। इस सूची में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे राज्य सबसे पीछे रहे।
छोटे राज्यों में गोवा सूचकांक में सबसे ऊपर है। उसके बाद त्रिपुरा और मणिपुर का स्थान है।
एसईसीआई चक्र-1 का मकसद छह मानकों पर राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग करना है। इन मानकों में (1) बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का प्रदर्शन, (2) ऊर्जा की पहुंच, वहनीयता तथा विश्वसनीयता, (3) स्वच्छ ऊर्जा पहल, (4) ऊर्जा दक्षता, (5) टिकाऊ पर्यावरण तथा (6) नई पहल शामिल हैं। इन मानकों में कुल 27 संकेतक शामिल हैं।
राज्य और केंद्रशासित प्रदेश सूचकांक का उपयोग करके अपने मानक की तुलना कर सकेंगे और बेहतर नीति व्यवस्था विकसित करने में सक्षम होंगे।
केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में चंडीगढ़ सबसे ऊपर है। इसके बाद दिल्ली और दमन तथा दीव / दादरा तथा नगर हवेली हैं।
डिस्कॉम प्रदर्शन के लिहाज से बड़े राज्यों में पंजाब को पहला स्थान मिला, जबकि ऊर्जा की पहुंच, वहनीयता तथा विश्वसनीयता श्रेणी में केरल शीर्ष पर रहा।
इसी तरह बड़े राज्यों में स्वच्छ ऊर्जा पहल श्रेणी में हरियाणा और ऊर्जा दक्षता श्रेणी में तमिलनाडु का प्रदर्शन सबसे बढ़िया रहा। सूचकांक 2019-20 के आंकड़ों पर आधारित है।
रिपोर्ट जारी करते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि यह सूचकांक कई संकेतकों के आधार पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना करता है और उन्हें ऊर्जा संक्रमण के लिए प्रोत्साहित करेगा।
नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत ने कहा कि ऊर्जा और जलवायु संबंधी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच तालमेल तथा साझेदारी महत्वपूर्ण है।
भाषा पाण्डेय रमण
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