नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई ने बृहस्पतिवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) ने व्यापारियों और विनिर्माताओं की अंतर-राज्यीय लेनदेन की लागत को कम करने में मदद की है।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के अध्यक्ष प्रदीप मुल्तानी ने कहा, ‘‘जीएसटी के लागू होने के बाद उल्लेखनीय संख्या में उत्पादों को ऊंचे स्लैब से निचले स्लैब में लाया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘28 प्रतिशत की उच्चतम कर स्लैब के तहत आने वाले वस्तुओं की संख्या जनवरी, 2022 में घटकर केवल तीन प्रतिशत रह गई है। जीएसटी के लागू होने के समय यह संख्या 17 प्रतिशत थी।’’
उन्होंने कहा कि कई वस्तुओं को पिछले पांच वर्षों के दौरान 28 प्रतिशत से 18 प्रतिशत या इससे कम वाले ‘कर’ के स्लैब में डाल दिया गया है।
मुल्तानी ने कहा, ‘‘इस समय पेट्रोलियम उत्पादों को उत्पाद शुल्क, केंद्रीय बिक्री कर समेत मूल्य वर्धित कर (वैट) जैसे करों के प्रभाव को दूर करने के लिए जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए।’’
भाषा जतिन अजय
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