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Thursday, 4 September, 2025
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जीएसटी परिषद ने दरों में व्यापक बदलाव को दी मंजूरी; रोटी, टीवी, छोटी कार होंगी सस्ती

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नयी दिल्ली, तीन सितंबर (भाषा) जीएसटी परिषद ने बुधवार को आम सहमति से माल एवं सेवा कर में व्यापक सुधारों को मंजूरी दे दी। इस निर्णय से रोटी, पराठा से लेकर हेयर ऑयल, आइसक्रीम और टीवी तक आम उपयोग की वस्तुएं सस्ती होंगी। वहीं व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर कर से पूरी तरह से राहत मिलेगी।

जीएसटी में पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय कर संरचना को मंजूरी दी गयी है। नई दरें 22 सितंबर, यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगी।

व्यक्तिगत उपयोग की लगभग सभी वस्तुओं पर दरों में कटौती की गयी है। दरअसल, सरकार घरेलू खर्च को बढ़ावा देने और अमेरिकी शुल्क के आर्थिक प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रही है। यह उसी दिशा में उठाया गया कदम है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिन भर चली जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा, ‘‘सभी फैसले सर्वसम्मति से किए गए और किसी भी राज्य से कोई असहमति नहीं थी।’’

परिषद ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को मौजूदा चार स्लैब… पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत से दो दरों… पांच और 18 प्रतिशत करने को मंजूरी दे दी। महंगी कारों, तंबाकू और सिगरेट जैसी कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40 प्रतिशत के विशेष स्लैब का प्रस्ताव किया गया है।

उन्होंने कहा कि पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, जर्दा जैसे चबाने वाले तंबाकू उत्पाद और बीड़ी को छोड़कर सभी उत्पादों के लिए नई दरें 22 सितंबर से प्रभावी होंगी।

दैनिक उपयोग की खाद्य वस्तुओं पर कर की दर शून्य होगी। वहीं दूध (अत्यधिक तापमान वाले), छेना, पनीर, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, सादी चपाती या रोटी पर कर की दर पांच प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दी गई है।

पराठे पर भी कर शून्य होगा जबकि अभी यह 18 प्रतिशत है। आम उपयोग के खाद्य और पेय पदार्थों… मक्खन और घी से लेकर सूखे मेवे, कंडेंस्ड दूध, पनीर, अंजीर, खजूर, एवोकाडो, खट्टे फल, सॉसेज और मांस, चीनी से बनी कन्फेशनरी, जैम और फलों की जेली, नारियल पानी, नमकीन, 20 लीटर की बोतल में पैक पेयजल, फलों का गूदा या रस, दूध, आइसक्रीम, पेस्ट्री और बिस्कुट, कॉर्न फ्लेक्स और अनाज युक्त पेय पदार्थ और चीनी से बनी मिठाइयों पर कर की दर को मौजूदा के 12 प्रतिशत या 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया जाएगा।

रबड़, मानचित्र, पेंसिल, शार्पनर और अभ्यास पुस्तिकाओं पर पांच शून्य शुल्क लगेगा।

‘टूथ पाउडर’, दूध की बोतलें, रसोई के बर्तन, छाते, बर्तन, साइकिल, बांस के फर्नीचर और कंघी जैसी उपभोक्ता वस्तुओं पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत किया गया है। शैम्पू, टैल्कम पाउडर, टूथपेस्ट, टूथब्रश, फेस पाउडर, साबुन और हेयर ऑयल पर कर की दरें 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई हैं।

सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद ने व्यक्तिगत जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम भुगतान पर जीएसटी को हटाने का फैसला किया है। इससे लोगों के लिये बीमा पॉलिसी लेना सस्ता हो जाएगा।

जीएसटी परिषद ने सीमेंट पर कर की दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया है। 1,200 सीसी से कम और 4,000 मिमी से अधिक लंबाई वाले पेट्रोल, एलपीजी और सीएनजी वाहनों तथा 1,500 सीसी और 4,000 मिमी तक लंबाई वाले डीजल वाहनों पर कर की दर मौजूदा 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो जाएगी।

सीतारमण ने कहा कि 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलें और एयर कंडीशनर, डिशवॉशर एवं टीवी जैसे उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर भी कर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है।

1,200 सीसी से ज्यादा और 4,000 मिमी से ज्यादा लंबी सभी गाड़ियों, 350 सीसी से ज्यादा क्षमता वाली मोटरसाइकिल और विमानों, और रेसिंग कारों पर 40 प्रतिशत कर लगेगा। अतिरिक्त चीनी वाले शीतल पेय पदार्थों पर 40 प्रतिशत कर लगेगा।

इलेक्ट्रिक वाहनों पर पांच प्रतिशत कर लगता रहेगा।

राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि जीएसटी दरों में बदलाव से पड़ने वाला वित्तीय प्रभाव करीब 48,000 करोड़ रुपये का होगा लेकिन राजकोषीय नजरिये से इसका कोई खास असर नहीं होगा।

जीएसटी परिषद के इस फैसले से कुल प्रीमियम में कमी आएगी क्योंकि कर अब काफी कम हो गया है।

कर व्यवस्था को सरल बनाने का यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अमेरिका को भारत के निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया जा रहा है। यह किसी देश पर लगाया गया सबसे ज्यादा शुल्क है।

भारतीय अर्थव्यवस्था उपभोग पर बहुत अधिक निर्भर है। पिछले वित्त वर्ष में निजी उपभोग का बाजार मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद में 61.4 प्रतिशत का योगदान रहा।

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि जीएसटी सुधारों से इसके कार्यान्वयन के दूसरे वर्ष तक अर्थव्यवस्था में 0.5 प्रतिशत तक की अतिरिक्त वृद्धि होने की संभावना है। इससे अमेरिकी शुल्क का पूरा प्रभाव बेअसर हो जाएगा।

सीतारमण ने कहा कि राज्यों को राजस्व हानि की भरपाई को लिए गए ऋणों का पूरा भुगतान होने तक तंबाकू, गुटखा, तंबाकू उत्पादों और सिगरेट पर वर्तमान 28 प्रतिशत कर और क्षतिपूर्ति उपकर लागू रहेगा।

रेस क्लब, पट्टा या किराये की सेवाओं, और कैसीनो/जुआ/घुड़दौड़/लॉटरी/ऑनलाइन मनी गेमिंग पर भी 40 प्रतिशत कर लगाया जाएगा।

माल ढुलाई के तृतीय-पक्ष बीमा की सेवा की आपूर्ति पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ अब 12 प्रतिशत के बजाय पांच प्रतिशत कर लगेगा।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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