(तस्वीरों के साथ)
(राधा रमण मिश्रा)
नयी दिल्ली, छह सितंबर (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि जीएसटी में व्यापक बदलाव ‘लोगों के लिए सुधार है’ और इस कदम से देश के हर परिवार को लाभ होगा। साथ ही इस कदम से खपत को बढ़ावा मिलेगा और कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था को गति मिलगी।
सीतारमण ने पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में यह भी कहा कि हम दरों में कटौती का लाभ आम लोगों को देने के लिए उद्योगों से बातचीत कर रहे हैं और उनका रुख सकारात्मक है।
उन्होंने कहा कि वह स्वयं 22 सितंबर से (जीएसटी दरों में कटौती के लागू होने की तिथि) इस बात पर विशेष नजर रखेंगी कि दरों में कटौती का लाभ लोगों को मिले।’
केंद्र और राज्यों के वित्त मंत्रियों की भागीदारी वाली जीएसटी परिषद ने बुधवार को जीएसटी के चार स्लैब की जगह दो स्लैब करने का फैसला किया। अब कर की दरें पांच और 18 प्रतिशत होंगी जबकि विलासिता एवं सिगरेट जैसी अहितकर वस्तुओं पर 40 प्रतिशत की विशेष दर लागू होगी। सिगरेट, तंबाकू और अन्य संबंधित वस्तुओं को छोड़कर नई कर दरें 22 सितंबर से प्रभावी हो जाएंगी।
दरों को युक्तिसंगत बनाये जाने के तहत टेलीविजन एवं एयर कंडीशनर जैसे उपभोक्ता वस्तुओं के अलावा खानपान और रोजमर्रा के कई सामानों समेत करीब 400 वस्तुओं पर दरें कम की गयी हैं।
सीतारमण ने कहा, ‘‘जीएसटी में व्यापक बदलाव लोगों के लिए सुधार है और इस कदम से देश के 140 करोड़ लोगों पर सकारात्मक असर होगा। हर परिवार को इससे लाभ होगा। गरीब से गरीब लोग भी कुछ-न-कुछ खरीदते हैं, उन पर भी दरों में कटौती का सकारात्मक असर होगा।’’
सीतारमण ने कहा कि यह सुधार 2017 में एक राष्ट्र, एक कर व्यवस्था लागू होने के बाद से अब तक का सबसे बड़ा सुधार है और इसे आम आदमी को ध्यान में रखकर किया गया है। रोजमर्रा की जरूरत की हर वस्तु पर लगने वाले कर की कड़ी समीक्षा की गई है और ज्यादातर मामलों में दरों में भारी कमी आई है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आज लोग 100 रुपये में जो चीजें खरीद रहे हैं, उतने ही पैसे में वे अब वस्तु का ज्यादा हिस्सा खरीद सकते हैं।’
सीतारमण ने कहा, ‘‘इसलिए दरों में इस कमी से मासिक घरेलू राशन और चिकित्सा बिलों में कमी आएगी। साथ ही यह पुरानी कार की जगह नई कार लेने, रेफ्रिजरेटर या वॉशिंग मशीन जैसी पुरानी वस्तुओं की जगह नई चीजें खरीदने जैसी आकांछाओं को भी पूरा करने में मददगार होगी।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘यह केवल दर में कटौती का मामला नहीं है बल्कि कंपनियों के लिए भी चीजें आसान होंगी। चाहे रिफंड का मामला हो या फिर अनुपालन का या पंजीकरण का, उनके लिए चीजें और सुगम होंगी।’’
सीतारमण ने कहा, ‘‘एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाने पर, 90 प्रतिशत रिफंड स्वतः ही निश्चित समय के भीतर क्लियर हो जाएंगे। साथ ही तीन दिनों के भीतर कंपनियां सफलतापूर्वक अपना पंजीकरण करा सकेंगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, इसका लोगों और कंपनियों पर, विशेष रूप से छोटे उद्यमों, किसानों पर चौतरफा सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि वे जो उपकरण खरीदेंगे, वे जो कीटनाशक खरीदेंगे, वे सभी सस्ते होने जा रहे हैं।’’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ जीएसटी परिषद में इस बात को लेकर आम सहमति थी कि लोगों को लाभ मिलना चाहिए… हालांकि कुछ राज्य जरूर राजस्व को लेकर चिंतित थे। लेकिन इस बात को लेकर एक सहमति थी कि दरों में कटौती से सभी को फायदा होना चाहिए।’’
सीतारमण ने कहा कि जीएसटी दरों में कमी से वस्तुओं के दाम कम होंगे और खपत बढ़ेगी और इससे राजस्व बढ़ने के साथ कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हम दरों में कटौती का लाभ आम लोगों को देने के लिए उद्योगों से बातचीत कर रहे हैं। उनकी प्रतिक्रिया सकारात्मक है। कई कंपनियों ने दाम में कटौती की घोषणा भी की है।’’
सीतारमण ने कहा, ‘‘22 सितंबर से मेरा पूरा ध्यान इसी पर होगा कि लोगों का इसका लाभ मिले।’’
उन्होंने मुद्रास्फीति के बारे में कि कहा, ‘‘यह पहले से ही काफी नियंत्रण में है और जीएसटी में यह कटौती वास्तव में लोगों को अधिक उपभोग के लिए प्रेरित करेगी। इसमें कोई संदेह नहीं है।’
भाषा रमण पाण्डेय
पाण्डेय
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