नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) उद्योग निकायों ने कहा है कि सोमवार से लागू होने वाला अगली पीढ़ी का जीएसटी 2.0 सुधार उपभोक्ताओं के हाथों में ज्यादा पैसा देगा।
उन्होंने साथ ही जोड़ा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए अनुपालन बोझ कम होगा, उद्योग के लिए उत्पादन लागत घटेगी और भारत की वृद्धि मजबूत होगी।
कई वस्तुओं पर घटी हुई जीएसटी दरें सोमवार से प्रभावी हो गई हैं, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में ‘बचत उत्सव’ बताया था।
उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के स्वदेशी पर नए सिरे से जोर देने के साथ, सुव्यवस्थित कर ढांचा घरेलू उत्पादन और विनिर्माण को बढ़ावा देगा।’’
उन्होंने कहा कि संशोधित ढांचा एमएसएमई के लिए अनुपालन बोझ को कम करेगा, भारत में बने उत्पादों की लागत प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करेगा और जीवन को आसान बनाएगा।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों को जन-केंद्रित बताया।
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि प्रधानमंत्री द्वारा जीएसटी बचत उत्सव के रूप में तैयार किया गया पैकेज उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक पैसा देगा, एमएसएमई के लिए अनुपालन को आसान बनाएगा, उद्योग के लिए इनपुट लागत कम करेगा और भारत की वृद्धि गति को मजबूत करेगा।’’
जीएसटी अब दो-स्तरीय कर संरचना होगी, जिसमें अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं पर पांच और 18 प्रतिशत कर लगेगा। हालांकि, अहितकर और विलासिता वाली वस्तुओं पर 40 प्रतिशत कर लगाया जाएगा।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.