नई दिल्ली: जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाने का कदम भारतीय अर्थव्यवस्था के वृद्धि के चक्र को बढ़ावा देने के साथ ही अमेरिकी शुल्क का सामना करने में मदद करेगा. उद्योग जगत से जुड़े लोगों ने यह बात कही.
जीएसटी परिषद ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की पांच और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय दर संरचना को बुधवार को मंजूरी दी जो 22 सितंबर से लागू होगी.
हिंदुजा ग्रुप ऑफ कंपनीज (इंडिया) के चेयरमैन अशोक पी हिंदुजा ने कहा कि जीएसटी दर में कटौती ने अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर कदम है जो ज़मीनी स्तर पर मांग को दूर करके भारत की व्यापक आर्थिक स्थिरता का समर्थन करेगा.
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि खपत को बढ़ावा देने और निवेश करने के लिए ऐसे अधिक सुधारों की वकालत की. अधिक और तेजी से सुधार खपत एवं निवेश को उजागर करने का सबसे सुरक्षित तरीका हैं। वे बदले में, अर्थव्यवस्था का विस्तार करेंगे और दुनिया में भारत की आवाज़ को बुलंद करेंगे.
फ्लिपकार्ट ग्रुप के कॉरपोरेट मामलों के मुख्य अधिकारी रजनीश कुमार ने कहा कि आगामी त्योहारों से पहले इन सुधारों का समय पर कार्यान्वयन निश्चित रूप से श्रेणियों में खपत को बढ़ाने, बाज़ार पहुंच का दायरा बढ़ाने और विकसित भारत की ओर हमारी सामूहिक यात्रा में तेज़ी लाएगा.
रेटिंग एजेंसी इक्रा लिमिटेड की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘‘सीजीएसटी और एसजीएसटी में दोहरे अंक में वृद्धि दर्ज की गई, जबकि आईजीएसटी और उपकर संग्रह में वृद्धि धीमी रही, जिससे जीएसटी में मुख्य वृद्धि घटकर 6.5 प्रतिशत रह गई। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के कम मुद्रास्फीति आंकड़े जीएसटी वृद्धि को आंशिक रूप से प्रभावित कर सकते हैं. जुलाई, 2025 में व्यापारिक आयात में तीव्र वृद्धि (जो अगस्त 2025 के जीएसटी आंकड़ों में परिलक्षित होती) को देखते हुए आयात पर आईजीएसटी में कमी आश्चर्यजनक है.’’
इनक्रेड वेल्थ के सीईओ नितिन राव ने बताया कि शुल्क से प्रभावित श्रम-प्रधान उद्योगों को सहायता प्रदान करने और वस्तुओं को सस्ता बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है.
मुथूट माइक्रोफिन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सदाफ सईद ने कहा, ‘‘राजकोषीय एवं मौद्रिक नीतियों के साथ-साथ आगे बढ़ने के साथ, आरबीआई द्वारा हाल ही में की गई 0.5 प्रतिशत की कटौती और सरकार द्वारा जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने से भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा.’’
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने बयान में कहा, ‘‘जीएसटी सुधारों का कदम एक बड़ी उपलब्धि है। रोजमर्रा की वस्तुओं तथा ज़रूरी कच्चे माल पर दरें कम करके, ये सुधार सभी परिवारों को तत्काल राहत प्रदान करते हैं और वृद्धि की नींव मजबूत करते हैं.’’
फिक्की की महानिदेशक ज्योति विज ने कहा, ‘‘सरकार द्वारा जीएसटी ढांचे का पुनर्गठन और सरलीकरण भारत की सुधार यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. कर स्लैब कम करने से कई वस्तुओं एवं सेवाओं को पांच प्रतिशत की ‘‘योग्यता दर’’ पर लाने से अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा. आने वाले दिनों में उपभोग मांग में वृद्धि की उम्मीद है. सरकार द्वारा की गई घोषणाएं अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन प्रदान देंगी और यह सुनिश्चित करेंगी कि भारत उच्च वृद्धि की अर्थव्यवस्था के पथ पर आगे बढ़ता रहे.’’
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