मुंबई, एक अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को वृद्धि को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी और साथ ही भरोसे और स्थिरता पर भी ध्यान देना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को यह बात कही।
उन्होंने आरबीआई के 90 साल पूरे होने के अवसर पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि अगला दशक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना यह आरबीआई के लिए है, जो 2035 में अपने 100 साल पूरे करेगा।
मोदी ने कहा कि आरबीआई को विश्वास और स्थिरता पर ध्यान देने के साथ ही तेज वृद्धि को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।
आरबीआई का प्राथमिक लक्ष्य 2016 से मुद्रास्फीति को काबू में रखना बन गया है। अक्सर ब्याज दर में कटौती जैसे उपायों के जरिये वृद्धि पर अतिरिक्त ध्यान देने की वकालत की जाती है।
प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी नये वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा से कुछ दिन पहले आई हैं।
उन्होंने कहा कि छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने पिछले कुछ वर्षों में बहुत अच्छा काम किया है। राजकोषीय सुदृढ़ीकरण और सक्रिय मूल्य निगरानी सहित सरकार के प्रयासों से भी मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिली।
मोदी ने कहा कि कोविड महामारी या विभिन्न देशों में युद्धों से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद मुद्रास्फीति मध्यम स्तर पर है।
भाषा पाण्डेय अजय
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