नयी दिल्ली, नौ जुलाई (भाषा) भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों के प्रदर्शन में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून, 2023) में नरमी रहने की आशंका है। विश्लेषकों का कहना है कि वेतन वृद्धि, परियोजनाओं में देरी और विवेकाधीन खर्चों में कटौती से आईटी कंपनियों के मार्जिन पर दबाव रहेगा।
हालांकि, कुछ ब्रोकरेज कंपनियों ने तो आगाह किया है कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आगे भी परेशानी बनी रहेगी, क्योंकि इस क्षेत्र में सुधार की रफ्तार धीमी रहेगी। क्षेत्र का पुनरुद्धार चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही या अगले वित्त वर्ष में रफ्तार पकड़ेगा।
प्रौद्योगिकी कंपनियां के तिमाही नतीजों की शुरुआत इसी सप्ताह हो रही है। सभी की निगाह वृद्धि परिदृश्य को लेकर प्रबंधन की टिप्पणियों पर रहेगी।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और एचसीएल टेक अपना तिमाही परिणाम 12 जुलाई को घोषित करेंगी, जिसके अगले दिन विप्रो का परिणाम आएगा। इन्फोसिस पहली तिमाही का अपना परिणाम 20 जुलाई को घोषित करेगी, वहीं एलटीआईमाइंडट्री अपना परिणाम 17 जुलाई को पेश करेगी।
मोतीलाल ओसवाल ने बयान में कहा, “कुल मिलाकर, विवेकाधीन खर्चों पर महत्वपूर्ण प्रभाव के साथ मांग में कमजोरी पहली तिमाही में जारी रहनी चाहिए।”
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