नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) राजस्व में अच्छी वृद्धि और सरकार की अनुकूल राजकोषीय नीति से अतिरिक्त वित्तीय समर्थन की और गुंजाइश बनी है। संसद में पेश 2021-22 की आर्थिक समीक्षा में यह कहा गया है।
बजट से एक दिन पहले पेश की गयी समीक्षा में यह भी कहा गया है कि सकल कर राजस्व अप्रैल-नवंबर 2021 के दौरान 50 प्रतिशत बढ़ा है। जबकि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह जुलाई, 2021 से लगातार एक लाख करोड़ रुपये के ऊपर बना हुआ है।
समीक्षा में कहा गया है, ‘‘…सरकार की अनुकूल राजकोषीय नीति के साथ राजस्व संग्रह इस साल अबतक बेहतर रहा है। इससे उभरती स्थिति के आधार पर अतिरिक्त राजकोषीय नीतिगत हस्तक्षेप की गुंजाइश बनी है।’’
केंद्र सरकार की राजस्व प्राप्ति अप्रैल-नवंबर 2021 के दौरान सालाना आधार पर 67.2 प्रतिशत बढ़ी जबकि 2021-22 के बजट अनुमान में इसमें 9.6 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान था।
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों करों के मामले में कर संग्रह में उछाल आया है और जीएसटी संग्रह पर कोविड की दूसरी लहर का प्रभाव पहली लहर की तुलना में बहुत कम रहा।
सकल कर राजस्व अप्रैल-नवंबर, 2021 के दौरान सालाना आधार पर 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। कर संग्रह का यह प्रदर्शन न केवल पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में बल्कि 2019-20 में महामारी-पूर्व स्तर के मुकाबले भी बेहतर है।
भाषा
रमण अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.