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शनिवार, 10 मई, 2025
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गोयल ने इस्पात उद्योग को अनुचित प्रतिस्पर्धा पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया

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नयी दिल्ली, छह सितंबर (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने इस्पात उद्योग को ‘अनुचित’ प्रतिस्पर्धा के बारे में चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया है, ताकि इस क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उचित कदम उठाए जा सकें।

कुछ कंपनियां अनुचित प्रतिस्पर्धा का सामना कर रही हैं।

इस्पात उद्योग की कुछ कंपनियों ने चीन से कम कीमत के आयात पर चिंता जताई है।

गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैंने इस्पात उद्योग को आमंत्रित किया है कि वे उस अनुचित प्रतिस्पर्धा को समझें जिसका उनमें से कुछ को सामना करना पड़ रहा है, तथा उचित कदम उठाएं ताकि इस्पात उद्योग जीवंत बना रहे, बढ़ता रहे तथा भारतीय अर्थव्यवस्था में रोजगार जोड़े।”

उन्होंने बढ़ते आयात के खिलाफ समान अवसर प्रदान करके घरेलू उद्योग की रक्षा के लिए सीमा समायोजन कर लागू करने का विचार पांच सितंबर को पेश किया था।

गोयल ने कहा कि भारत पश्चिम एशिया यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईईसी) का उद्देश्य संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, जॉर्डन, इजरायल और यूरोपीय संघ (ईयू) के माध्यम से भारत, पश्चिम एशिया और यूरोप को जोड़ना है।

उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि यह महत्वपूर्ण पहल भारत के समुद्र क्षेत्र की सुरक्षा को बढ़ाएगी और एक रणनीति के रूप में यह बहुत कम मार्गों पर हमारी निर्भरता को कम करेगी जो आज हमारी समुद्री सुरक्षा के लिए हानिकारक हो सकते हैं और इससे लॉजिस्टिक्स लागत कम करने में भी मदद मिलेगी।”

प्रस्तावित आर्थिक गलियारे आईएमईईसी का उद्देश्य एशिया, फारस की खाड़ी और यूरोप के बीच संपर्क और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देकर आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाना है।

पिछले साल नयी दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान इसके लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसमें भारत, अमेरिका, यूएई, सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी, इटली और ईयू की सरकारों ने भाग लिया था। इस परियोजना का मुख्य लक्ष्य यूरोप और एशिया के बीच परिवहन और संचार संपर्क को बढ़ाना है।

निर्यात के बारे में मंत्री ने कहा कि दो युद्धों (रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास) के बारे में चिंता है, जो वैश्विक व्यापार को पीछे धकेल रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना ​​है कि सभी देशों को इन मुद्दों को सुलझाने के लिए सामूहिक रूप से शांति, कूटनीति और बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए।’’

भाषा अनुराग अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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