नयी दिल्ली, 16 मार्च (भाषा) वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कुछ वाहन कंपनियों के उन उपकरणों का भी आयात करने पर अफसोस जताया, जिनका देश में गुणवत्तापूर्ण विनिर्माण हो सकता है।
मंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें बताया गया है कि कुछ भारतीय वाहन कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियों को अपनी हिस्सेदारी सस्ते में बेचने को वाहन विनिर्माताओं ने मजबूर किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक और चिंता जो मेरे सामने आई है … वाहन कलपुर्जा विनिर्माता पर आपकी मूल कंपनी या उस कंपनी की तरफ से अपनी हिस्सेदारी या मालिकाना हक बेचने के लिये दबाव डाला जा रहा है जिसे आप सामान की आपूर्ति करते हैं …।’’
गोयल ने कहा, ‘‘यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अगर हमारे किसी भारतीय प्रवर्तक ने वाहन कंपनियों के लिए जरूरी सामानों की आपूर्ति को लेकर स्वयं को विकसित करने के लिये अपना खून और पसीना बहाया है तथा अब उन्हें उनके योगदान या भागीदारी से बाहर होने के लिये दबाव दिया जा रहा है … मुझे बताया गया है कि इस उद्योग ये चीजें हो रही हैं। हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि क्या ऐसा कोई उदाहरण है।’’
उन्होंने उद्योग से आयात पर निर्भरता कम करने, अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान देने, नवोन्मेष को बढ़ावा देने, घरेलू कंपनियों से सामान खरीदने तथा वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिये तैयार रहने का आग्रह किया।
गोयल ने एसीएमए आत्मनिर्भर उत्कृष्ठता पुरस्कार समारोह में कहा, ‘‘मैं इस बात से काफी परेशान हूं कि कुछ वाहन कंपनियां उन उपकरणों का भी आयात कर रही हैं, जिनका देश में गुणवत्तापूर्ण विनिर्माण हो सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं एसीएमए (ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन) से उन उत्पादों के बारे में अधिक जानकारी साझा करने का आग्रह करूंगा, जहां हमारे पास प्रतिस्पर्धा में बढ़त है लेकिन कंपनियां आपके उपकरणों का उपयोग करने का विरोध कर रही हैं।’’
मंत्री ने कहा कि अगर आयात पर निर्भरता बनी रही तो भारत केवल ‘असेंबल’ करने की दुकान बनकर रह जाएगा।
उन्होंने उद्योग से देश में वाहन को लेकर पूरा परिवेश विकसित करने, वैश्विक आपूर्तिकर्ता बनने और देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का आग्रह किया।
भाषा
रमण अजय
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