नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) केंद्र सरकार ने शुक्रवार को 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राशन कार्ड जारी करने के लिए एक साझा पंजीकरण सुविधा की शुरुआत की है।
इस पंजीकरण का उद्देश्य बेघर लोगों, निराश्रितों, प्रवासियों और अन्य पात्र लाभार्थियों को राशन कार्ड के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाना है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) लगभग 81.35 करोड़ व्यक्तियों के लिए अधिकतम कवरेज प्रदान करता है।
वर्तमान में इस अधिनियम के तहत लगभग 79.77 करोड़ लोगों को अत्यधिक रियायत आधार पर खाद्यान्न दिया जाता है। इस हिसाब से 1.58 करोड़ और लाभार्थियों को जोड़ा जा सकता है।
खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि ‘सामान्य पंजीकरण सुविधा’ (माई राशन-माई राइट) का उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पात्र लाभार्थियों की शीघ्र पहचान करना है। साथ ही इस तरह के लोगों की राशन कार्ड जारी करने में मदद करना है, ताकि वे एनएफएसए के तहत पात्रता का लाभ उठा सकें।
उन्होंने बताया कि पिछले सात से आठ वर्षों में अनुमानित 18 से 19 करोड़ लाभार्थियों से जुड़े लगभग 4.7 करोड़ राशन कार्ड विभिन्न कारणों से रद्द कर दिए गए हैं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा पात्र लाभार्थियों को नियमित आधार पर नए कार्ड भी जारी किए जाते हैं।
सचिव ने बताया कि शुरुआत में वेब आधारित नयी सुविधा 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पायलट आधार पर उपलब्ध होगी। इस महीने के अंत तक सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शुरू कर दिया जाएगा।
सचिव के अनुसार, इन 11 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश असम, गोवा, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, पंजाब और उत्तराखंड शामिल हैं।
भाषा जतिन पाण्डेय
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