मुंबई, दो मार्च (भाषा) दूरसंचार विवाद निपटान अपीलीय न्यायाधिकरण (टीडीसैट) ने कहा है कि सरकार अपने नियंत्रण वाली कंपनियों को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के भुगतान से इस आधार पर छूट नहीं दे सकती है कि उन्हें दूरसंचार से जुड़ी सेवाओं से बहुत कम राजस्व मिलता है।
टीडीसैट ने अपने एक अहम आदेश में कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को एजीआर के भुगतान से छूट सिर्फ उसी समय दी जा सकती है जब वह छूट निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों को भी दी जा रही हो।
नेटमैजिक सॉल्यूशंस और डेटा इंजीनियस ग्लोबल की तरफ से दायर पुनर्विचार याचिका पर गत 28 फरवरी को जारी इस आदेश में टीडीसैट ने कहा है कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को एजीआर के भुगतान में छूट नहीं दे सकती है।
टीडीसैट के चेयरमैन शिव कीर्ति सिंह और सदस्य सुबोध कुमार गुप्ता की तरफ से दिए गए इस आदेश का दूरगामी असर हो सकता है। इसकी जद में वे 13 सार्वजनिक कंपनियां आ सकती हैं जिन्हें दूरसंचार या संबंधित लाइसेंस मिले हुए हैं। सरकार ने अभी तक इन कंपनियों को एजीआर बकाया के भुगतान से राहत दी हुई थी।
इन सार्वजनिक कंपनियों में ऑयल इंडिया, रेलटेल कॉर्पोरेशन, पावरग्रिड, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया, गेल इंडिया, दिल्ली मेट्रो, ओएनजीसी और गुजरात नर्मदा घाटी उर्वरक निगम शामिल हैं।
दूरसंचार विभाग ने एजीआर बकाया के संबंध में स्पेक्ट्रम लेने वाली सभी कंपनियों से भुगतान करने का नोटिस जारी किया था।
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