नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा है कि सरकार अगले वित्त वर्ष में बाजार से उधारी जुटाने का कार्यक्रम गैर-बाधाकारी ढंग से चलाएगी और इससे निजी निवेश पर कोई प्रतिकूल असर नहीं होगा।
सेठ ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि सरकार को वित्त वर्ष 2022-23 में 6.6 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध उधारी जुटानी है और सरकार इस आंकड़े पर टिकी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘उधारी कार्यक्रम को गैर-बाधाकारी ढंग से अंजाम दिया जाएगा और इससे निजी क्षेत्र प्रभावित नहीं होगा।’’
उन्होंने कहा कि छोटी बचत योजनाओं से होने वाले संग्रह के अपेक्षा से अधिक रहने की स्थिति में बाजार उधारी में कटौती भी की जा सकती है।
सेठ ने कहा, ‘इस साल हमें छह लाख करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है। अगले साल यह आंकड़ा 4.25 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। लेकिन अगर छोटी बचत योजनाएं मौजूदा वर्ष की ही तरह आकर्षक बनी रहती हैं तो उनसे होने वाला संग्रह भी 2021-22 के स्तर पर रहेगा और तब बाजार से जुटाई जाने वाली उधारी भी कम हो जाएगी।’
सरकार की वित्त वर्ष 2022-23 में बाजार से कुल 11.6 लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। कोविड-19 महामारी की मार झेल रही अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार अपने खर्चों में बढ़ोतरी करने वाली है।
उन्होंने कहा कि सरकार राजकोषीय मजबूती की राह पर बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है और बजट में राजकोषीय घाटे को घटाकर 6.4 फीसदी पर लाने का प्रस्ताव रखा गया है। वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटे के 6.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है।
सेठ ने खुदरा मुद्रास्फीति के बारे में कहा कि सरकार को इसके अगले वित्त वर्ष में दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार फीसदी रहने का अनुमान है।
भाषा
प्रेम रमण
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