नयी दिल्ली, 15 नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री भगवंत खुबा ने मंगलवार को कहा कि सरकार हरित ऊर्जा के लक्ष्य को हासिल करने के लिये सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को निरंतर बढ़ावा देने को लेकर समर्थन देती रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि ऊर्जा बदलाव के लिये 300 अरब डॉलर तक के लिये निवेश की जरूरत होगी।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2030 तक पांच लाख मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का महत्वकांक्षी लक्ष्य रखा है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री खुबा ने इंडिया एनर्जी फोरम (आईईएफ) के कार्यक्रम में कहा कि सरकार हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये की गई पहल का समर्थन करना जारी रखेगी ताकि 2030 तक निर्धारित लक्ष्य प्राप्त हो जाएं। इसके लिये 200-300 डॉलर के निवेश का अनुमान है।
आईईएफ के नवीकरणीय ऊर्जा सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि ऊर्जा बदलाव और उसके जरिये शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना लायी गयी है। उन्होंने यह भी कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान घरेलू विनिर्माताओं के लिये वांछित परिणाम देगा।
खुबा ने कहा कि सौर सेल के आयात शुल्क में 25 प्रतिशत और मॉड्यूल्स के आयात शुल्क में 40 प्रतिशत की कमी से घरेलू विनिर्माताओं को चीन जैसे सेल मॉड्यूल बनाने वाले देशों से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में गति आएगी।
उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के विकास के लिये नीतिगत निर्णयों के संदर्भ में जो कुछ भी जरूरी होगा, उसपर सभी संबद्ध पक्षों के साथ विचार-विमर्श कर काम किया जाएगा। यह सरकार सभी संबद्ध पक्षों के साथ निरंतर परामर्श करती रही है।
अंतरराष्ट्रीय सौर संघ (आईएसए) के महानिदेशक अजय माथुर ने कहा कि विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन की निरंतर चुनौतियों और बढ़ते वैश्विक तापमान को देखते हुए नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये महत्वपूर्ण निर्णय लेने होंगे।
उन्होंने कहा कि आईएसए ‘क्रेडिट गारंटी योजना’ के जरिये कोष जुटाने में सदस्य देशों की मदद करेगा।
पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक आर एस ढिल्लों ने कहा कि पीएफसी की बिजली क्षेत्र के वित्तपोषण में हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है। कंपनी नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी प्रमुख वित्त प्रदाता है।
इंडिया एनर्जी फोरम के अध्यक्ष आर वी शाही ने सतत ऊर्जा के साथ ऊर्जा समानता पर जोर दिया।
भाषा रमण अजय
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