नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) सरकार ने मंगलवार को डेयरी क्षेत्र के लिए तीन नई बहु-राज्य सहकारी समितियां स्थापित करने का फैसला किया। इससे पशु चारा, गोबर प्रबंधन और मृत मवेशियों के अवशेषों के अनुकूलतम उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।
सहकारी डेयरी क्षेत्र में स्थिरता और अनुकूलतम उपयोग की व्यवस्था पर एक बैठक की अध्यक्षता करने वाले सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारा लक्ष्य एक स्थायी डेयरी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का होना चाहिए, जो संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे।
शाह ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे हम श्वेत क्रांति 2.0 की ओर बढ़ रहे हैं, हमारा लक्ष्य न केवल डेयरी सहकारी समितियों का विस्तार करना और उन्हें कुशल और प्रभावी बनाना होना चाहिए, बल्कि डेयरी का एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना भी होना चाहिए जो टिकाऊ हो।’’
एक सरकारी बयान के अनुसार, पहली सोसायटी पशु चारा उत्पादन, रोग नियंत्रण और कृत्रिम गर्भाधान पर काम करेगी, दूसरी गोबर प्रबंधन के मॉडल विकसित करेगी और तीसरी मृत मवेशियों के बचे अवशेषों के अनुकूलतम उपयोग को प्रोत्साहन देगी।
शाह ने इस बात पर जोर दिया कि कार्बन क्रेडिट का लाभ वैज्ञानिक मॉडल के माध्यम से सीधे किसानों तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने के लिए एकीकृत सहकारी समितियों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें मिलकर ‘स्थायित्व से अनुकूलतम उपयोग’ तक की यात्रा तय करनी है, जो बहुआयामी होगी।’’
बैठक में केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री कृष्ण पाल सिंह गुर्जर और मुरलीधर मोहोल, वरिष्ठ अधिकारी तथा एनडीडीबी और नाबार्ड के प्रमुख शामिल हुए।
भाषा राजेश राजेश अजय
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