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Friday, 15 November, 2024
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कायाकल्प वाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता के केंद्र स्थापित करेगी सरकारः अधिकारी

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नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय आमूलचूल बदलाव लाने वाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के सेंटर स्थापित करेगा जिनमें शैक्षणिक एवं उद्योग जगत के साथ मिलकर एआई-आधारित समाधान विकसित किए जाएंगे।

माईगव के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के प्रमुख अभिषेक सिंह ने शुक्रवार को एआई संवर्द्धन केंद्रों के गठन की योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक कोष भी बनाया जा रहा है जो स्टार्टअप को विकास के सभी चरणों में वित्तीय समर्थन देगा।

सिंह ने उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के पास पर्याप्त संख्या में एआई कौशल से लैस श्रमशक्ति है। उन्होंने कहा, ‘हमारे सभी शिक्षण संस्थानों में एआई के बारे में खूब अनुसंधान हो रहे हैं। इसके बावजूद हम एआई शोध के मामले में चीन और अमेरिका से काफी पीछे हैं। हालांकि इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं लेकिन हमें अभी और आगे जाने की जरूरत है।’

उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने भी राष्ट्रीय अंतर-अनुशासनिक साइबर-भौतिक प्रणाली मिशन (एनएम-आईसीपीएस) के तहत प्रौद्योगिकी नवाचार हब स्थापित किए हुए हैं। लेकिन एआई संबंधी राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत आमूलचूल बदलाव वाले एआई के लिए इंडिया सेंटर करने के बारे में सोचा जा रहा है।

सिंह ने कहा, ‘ये एआई सेंटर उद्योग एवं शैक्षणिक जगत के साथ भागीदारी में गठित किए जाएंगे। वे विशिष्ट उद्योग क्षेत्रों के आधार पर बनाए जाएंगे। इस दौरान विकसित होने वाले तमाम एआई समाधान को देश भर में लागू करने की संभावना भी परखी जाएगी।’

इस कार्यक्रम में तेलंगाना के उद्योग एवं वाणिज्य और आईटी विभाग के प्रमुख सचिव जयेश रंजन ने कहा कि राज्य सरकार ने यह गारंटी दी है कि सरकार के लिए प्रासंगिकता रखने वाले किसी भी एआई समाधान को सरकार बोली न लगाते हुए सीधे ही आत्मसात कर लेगी।

भाषा प्रेम रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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