नयी दिल्ली, तीन मार्च (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार डेटा संरक्षण विधेयक के मसौदे पर मिले सुझावों का अध्ययन कर रही है और यह सुनिश्चित करेगी कि डिजिटल परिवेश में कोई भी कानून चीजों को सुगम बनाने का कार्य करे।
चंद्रशेखर ने ‘एनआईसी टेक कॉन्क्लेव 2022’ कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में कहा कि सरकार विधेयक की जरूरत को लेकर पूरी तरह दृढ़ बनी हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक सरकार का सवाल है, वह बहुत स्पष्ट और दृढ़ है कि हम एक डेटा संरक्षण विधेयक चाहते हैं। हम इस समय विधेयक का अध्ययन कर रहे हैं, और साथ ही हम मंत्रालय को मिलने वाले हर सुझाव पर विचार करेंगे।’’
यह पूछने पर कि क्या विधेयक के बजट सत्र में आने की संभावना है, मंत्री ने कोई समयसीमा बताने से इनकार किया।
डेटा संरक्षण विधेयक में नागरिकों के निजी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए प्रावधान करने के अलावा डेटा संरक्षण प्राधिकरण के गठन का भी प्रस्ताव रखा गया है। इसमें यह प्रावधान रखा गया है कि कोई भी संस्था व्यक्ति की सहमति के बगैर उससे जुड़ी निजी जानकारियों का इस्तेमाल नहीं कर सकती है।
व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 पर गठित संसद की संयुक्त समिति ने 16 दिसंबर, 2021 को संसद के दोनों सदनों मे अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी जिसमें विभिन्न पहलुओं पर मत व्यक्त किए गए थे।
इस विधेयक में लोगों के व्यक्तिगत आंकड़ों के इस्तेमाल एवं प्रवाह को वर्गीकृत करने के अलावा निजी डेटा के प्रसंस्करण के बारे में व्यक्तिगत अधिकारों के संरक्षण के भी प्रस्ताव रखे गए हैं। इसके अलावा डेटा प्रसंस्करण वाली इकाइयों की जवाबदेही तय करने और अनधिकृत इस्तेमाल की स्थिति में बचाव के कदमों का उल्लेख भी किया गया है।
विधेयक में सरकार को अपनी जांच एजेंसियों को अधिनियम के प्रावधानों से कुछ खास रियायतें देने की बात भी कही गई है। इसका विपक्षी दलों के सदस्यों ने विरोध करते हुए अपनी असहमति भी जताई है।
भाषा पाण्डेय रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.