नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से इस बारे में अपना रुख साफ करने को कहा कि बिटकॉइन या किसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार करना भारत में वैध है या नहीं।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने बिटकॉइन में कारोबार से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि सरकार एक हलफनामा देकर यह बताए कि बिटकॉइन या किसी भी अन्य क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार भारत में वैध है या नहीं। इसके अलावा बिटकॉयव कारोबार से जुड़े नियमों के बारे में भी जानकारी देने को कहा गया है।
इस पर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि वह क्रिप्टोकरेंस कारोबार की वैधता पर एक हलफनामा दायर करेंगी।
यह मामला अजय भारद्वाज और कुछ अन्य पर निवेशकों को ज्यादा रिटर्न का लालच देकर बिटकॉइन में कारोबार में संलिप्त करने से जुड़ा हुआ है। आरोपी ने अपने खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकियों को निरस्त करने का आग्रह किया हुआ है।
सरकार की तरफ से पेश हुईं ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि देश भर में आरोपी के खिलाफ 47 प्राथमिकी दर्ज हैं लेकिन वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। इनमें 20,000 करोड़ रुपये मूल्य के 87,000 बिटकॉइन के कारोबार के आरोप लगे हैं।
इस पर पीठ ने याची को प्रवर्तन निदेशालय की जांच में सहयोग करने का निर्देश देते हुए कहा कि उसे दो दिनों के भीतर जांच अधिकारी के सामने पेश होना होगा। इस बारे में चार हफ्ते बाद स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा।
हालांकि न्यायालय ने आरोपी भारद्वाज को हिरासत में लेने पर लगाई गई रोक अगली सुनवाई तक बरकरार रखी है।
भाषा
प्रेम रमण
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