सूरत, एक अप्रैल (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार को कहा कि भारत ने यूरोपीय संघ (ईयू) और जी सात देशों के बिना तराशे रूसी हीरों के आयात पर प्रतिबंध के मुद्दे को प्राथमिकता के साथ उठाया है। इससे मुख्य रूप से गुजरात के सूरत शहर में केंद्रित घरेलू हीरा उद्योग प्रभावित होगा।
तीसरे देशों के माध्यम से रूसी हीरों के आयात पर यूरोपीय संघ और जी सात का प्रतिबंध का प्रारंभिक चरण मार्च की शुरुआत में लागू हुआ। यह कदम यूक्रेन पर रूस के हमले के विरोध में उस पर लगायी गयी पाबंदियों का हिस्सा है।
जयशंकर ने यहां कहा, ‘‘…यह हमारे लिए प्राथमिकता वाला मुद्दा है और हम आने वाले दिनों में इसका समाधान निकालने का प्रयास करेंगे।’’
उनसे यह पूछा गया था कि यह प्रतिबंध सूरत के हीरा उद्योग को प्रभावित करेगा। सूरत में दुनिया के 90 कच्चे हीरे को तराशा जाता है।
जयशंकर ने सूरत में दिशा फाउंडेशन की तरफ से आयोजित युवा व्यापारिक नेताओं के साथ बातचीत में कहा कि 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ ने रूसी हीरे के आयात पर प्रतिबंध लगाया है और दुनिया के सबसे धनी देशों का समूह जी सात भी उसी दिशा में जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि जिन देशों ने यूक्रेन पर आक्रमण के जवाब में रूस पर प्रतिबंधों के तहत तीसरे देशों के माध्यम से रूसी कच्चे हीरे के आयात पर प्रतिबंध लगाया है, वे केवल उपभोक्ता हैं और उनका रोजगार इसपर निर्भर नहीं है।
भाषा रमण अजय
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