नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को नई पीढ़ी के वित्तीय सुधारों के तहत बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा।
उन्होंने 2025-26 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बढ़ी हुई सीमा उन कंपनियों के लिए होगी, जो पूरा प्रीमियम भारत में निवेश करती हैं। विदेशी निवेश से जुड़ी मौजूदा सुरक्षा और शर्तों की समीक्षा की जाएगी और उन्हें सरल बनाया जाएगा।’’
एफडीआई सीमा बढ़ाने के लिए सरकार को बीमा अधिनियम 1938, जीवन बीमा निगम अधिनियम 1956 और बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम 1999 में संशोधन करना होगा।
बीमा अधिनियम 1938 भारत में बीमा के लिए विधायी ढांचा प्रदान करने वाला प्रमुख कानून है। यह बीमा व्यवसायों के कामकाज के लिए रूपरेखा देता है और बीमाकर्ता, उसके पॉलिसीधारकों, शेयरधारकों और नियामक – भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) के बीच संबंधों को नियंत्रित करता है।
इस क्षेत्र में और अधिक कंपनियों के प्रवेश से न केवल बीमा का प्रसार बढ़ेगा, बल्कि देश भर में अधिक रोजगार सृजन भी होगा।
इस समय देश में 25 जीवन बीमा कंपनियां और 34 गैर-जीवन या साधारण बीमा कंपनियां हैं। बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को आखिरी बार 2021 में 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत किया गया था।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.