नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) सरकार ने ई-स्पोर्ट्स, डिजिटल सोशल गेम्स और धन-आधारित ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध को लागू करने के लिए ‘भारतीय ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण’ (ओजीएआई) के गठन का प्रस्ताव रखा है। इसे सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की अगुवाई में गठित किया जाएगा।
ऑनलाइन गेमिंग प्रोत्साहन एवं नियमन (पीआरओजी) अधिनियम, 2025 के तहत जारी किए गए मसौदा नियमों के मुताबिक, यह प्राधिकरण केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय और वित्तीय सेवाओं के विभाग के साथ समन्वय में काम करेगा।
मसौदे नियमों के मुताबिक, ‘केंद्र सरकार की तरफ आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना जारी करने की तिथि से ‘भारतीय ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण’ नाम का एक प्राधिकरण स्थापित किया जाएगा।’
ओजीएआई का अध्यक्ष इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद के बराबर होगा।
यह प्राधिकरण कानूनी रूप से खेले जाने लायक ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को मान्यता देगा जबकि नियमों का उल्लंघन करने पर उनका पंजीकरण रद्द या निलंबित कर सकता है।
यदि कोई ऑनलाइन गेम धन-आधारित पाया जाता है तो सेवा प्रदाता को तुरंत रोक लगाने, प्रचार पर प्रतिबंध लगाने और दंडित करने का प्रावधान है।
इस अधिनियम के तहत ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं के लिए तीन साल तक के कारावास या एक करोड़ रुपये तक जुर्माना, और प्रचार करने वालों के लिए दो साल तक के कारावास या 50 लाख रुपये जुर्माना निर्धारित है।
मसौदा नियम अधिकृत अधिकारियों को संदिग्ध स्थानों (भौतिक या डिजिटल उपकरण) पर बिना वारंट प्रवेश, तलाशी और गिरफ्तारी की शक्ति देते हैं।
सरकार ने मसौदा नियमों पर सुझाव और सार्वजनिक टिप्पणियां 31 अक्टूबर तक आमंत्रित की हैं।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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