नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) सरकार ने चालू कपास सत्र 2024-25 में 31 मार्च तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) परिचालन के तहत 100 लाख गांठ के बराबर 525 लाख क्विंटल कपास की खरीद की है।
यह खरीद कपड़ा मंत्रालय के तहत भारतीय कपास निगम (सीसीआई) के माध्यम से की गई। कपास की एक गांठ 170 किलोग्राम के बराबर होती है।
मंगलवार को एक सरकारी बयान में कहा गया कि यह खरीद 263 लाख गांठ की कुल कपास आवक का 38 प्रतिशत और देश में अनुमानित कुल कपास उत्पादन 294.25 लाख गांठ का 34 प्रतिशत है।
राज्यों में से, तेलंगाना में सबसे अधिक 40 लाख गांठ की खरीद की गई। उसके बाद महाराष्ट्र में 30 लाख गांठ और गुजरात में 14 लाख गांठ की खरीद हुई।
महत्वपूर्ण खरीद वाले अन्य राज्यों में कर्नाटक (पांच लाख गांठ), मध्य प्रदेश (चार लाख गांठ), आंध्र प्रदेश (चार लाख गांठ) और ओडिशा (दो लाख गांठ) शामिल हैं।
हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में खरीद 1.15 लाख गांठ है। कुल मिलाकर, सभी कपास उत्पादक राज्यों में लगभग 21 लाख कपास किसानों को 37,450 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
एमएसपी तंत्र कपास किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करता है, जिससे उन्हें बाजार की कीमतें एमएसपी से नीचे गिरने पर संकटपूर्ण बिक्री करने से रोका जा सकता है।
कुशल खरीद की सुविधा के लिए, सीसीआई ने देश भर में 508 खरीद केंद्र खोले हैं। कई डिजिटल पहल को लागू किया गया है, जिसमें तुरंत आधार प्रमाणीकरण, भुगतान के लिए एसएमएस सूचनाएं और राष्ट्रीय स्वचालित समाशोधन गृह (एनएसीएच) के माध्यम से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष भुगतान शामिल है।
नौ क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कॉट-एली मोबाइल ऐप किसानों को एमएसपी दर, खरीद केंद्रों और भुगतान पर निगरानी की सुविधा उपलब्ध कराती है।
पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ब्लॉक-चेन प्रौद्योगिकी का उपयोग करके सीसीआई द्वारा उत्पादित सभी कपास गांठ का क्यूआर कोड के माध्यम से पता लगाया जा सकता है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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