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सरकार ने शहरी गैस नीति में किया बदलाव, दो तिमाही पहले होगा प्राकृतिक गैस का आवंटन

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नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (भाषा) सरकार सीएनजी और पाइप से आने वाले रसोई गैस की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों को दो तिमाही पहले प्राकृतिक गैस आवंटित करेगी।

तेल मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इससे शहरी गैस कंपनियों को अधिक स्पष्टता मिलेगी।

इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड, महानगर गैस लिमिटेड और अदाणी-टोटल गैस लिमिटेड जैसे शहरी गैस खुदरा विक्रेताओं ने पर्याप्त अग्रिम सूचना दिए बिना उन्हें सस्ती एपीएम यानी सरकारी मूल्य व्यवस्था वाली गैस के आवंटन में कटौती करने से उनके मार्जिन पर दबाव की सूचना दी थी।

इसके बाद मंत्रालय ने आवंटन नीति में बदलाव करने का फैसला किया।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही से सीएनजी (परिवहन) और पाइप से आने वाली प्राकृतिक गैस (घरेलू रसोई गैस) के लिए घरेलू प्राकृतिक गैस आवंटन दो तिमाही पहले किया जाएगा।”

नामांकन के आधार पर दिए गए पुराने क्षेत्रों से उत्पादित कम कीमत वाली एपीएम गैस के अलावा, अब आवंटन में ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) के नामांकन क्षेत्रों में नए कुओं से निकाली गैस भी शामिल होगी।

नए कुओं से निकलने वाली गैस एपीएम गैस की तुलना में थोड़ी अधिक महंगी है। इस समय एपीएम गैस की कीमत 6.75 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश तापीय इकाई (एमएमबीटीयू) है, जबकि नए कुओं से निकलने वाली गैस की कीमत आठ डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के करीब है।

बयान के अनुसार, ‘‘गेल और ओएनजीसी के अनुमानों से शहरी गैस वितरण कंपनियों को पहले से आपूर्ति की जानकारी होगी। इससे बेहतर तरीके से योजना बनाने और वितरण दक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी।’’

मंत्रालय ने कहा कि नए कुओं से निकलने वाली गैस का आवंटन आनुपातिक आधार पर किया जाएगा।

यह कदम गैस आपूर्ति के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की नोडल एजेंसी गेल (इंडिया) लि. की तरफ से कुछ दिन पहले दी गयी सूचना के बाद उठाया गया है। कंपनी ने इंद्रप्रस्थ गैस लि., महानगर गैस लि. और अदाणी टोटल गैस लि. जैसे शहरी गैस वितरकों को कम लागत वाली एपीएम यानी सरकारी मूल्य व्यवस्था वाली गैस की आपूर्ति में 20 प्रतिशत तक की कटौती की सूचना दी थी। इस कमी की भरपाई अपेक्षाकृत अधिक महंगे ईंधन से की गयी है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘सरकार ने स्वच्छ ऊर्जा तक पहुंच को बढ़ावा देने, शहरी वायु गुणवत्ता में सुधार लाने और घरेलू ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के अपने दृष्टिकोण के अनुरूप घरेलू प्राकृतिक गैस के लिए आवंटन ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से प्रमुख नीतिगत उपाय किए हैं।’’

भाषा पाण्डेय रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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