नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) सरकार ने बृहस्पतिवार को फार्मास्युटिकल क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को मजबूत करने के लिए तीन योजनाएं शुरू कीं।
यहां योजनाओं की पेशकश के मौके पर केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि योजनाओं में फार्मा एमएसएमई के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन, सामान्य अनुसंधान केंद्रों की स्थापना और क्लस्टरों में अपशिष्ट उपचार संयंत्रों की परिकल्पना की गई है।
उन्होंने कहा कि छोटी कंपनियों को अपनी सुविधाओं को वैश्विक विनिर्माण मानकों में उन्नत करने की स्थिति में होना चाहिए।
रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने ‘मजबूत फार्मास्युटिकल उद्योग’ (एसपीआई) के बैनर तले योजनाओं को शुरू किया है।
मांडविया के पास स्वास्थ्य मंत्रालय का भी प्रभार है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि फार्मा एमएसएमई उद्योग इन योजनाओं से बहुत लाभान्वित होगा। नई योजनाओं के कई लाभ हैं जो भारतीय दवा उद्योग को भविष्य के लंबे सफर के लिए तैयार करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार दवा उद्योग को मजबूत करने की दिशा में अथक प्रयास कर रही है।
मंत्री ने कहा, ‘‘ये (योजनाएं) निवेश बढ़ाएंगी, अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करेंगी और उद्योग को भविष्य के उत्पादों और विचारों को विकसित करने में सक्षम बनाएंगी।’’
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