नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा कि सरकार साइबर अपराध से प्रभावित संगठनों के लिये इसके बारे में संबंधित प्राधिकरण के समक्ष खुलासा करने की जिम्मेदारी तय करने को लेकर नियमन लाने की तैयारी में है।
बेंगलुरु में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिये आईबीएम सुरक्षा कमांड केंद्र की शुरूआत के मौके पर चंद्रशेखर ने कहा कि भारतीय-सीईआरटी (कंप्यूटर एमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम) के पास अबतक 10 करोड़ साइबर घटनाओं के बारे में जानकारी दी गयी है। जहां तक साइबर हमले का सवाल है, भारत दूसरा सबसे प्रभावित देश है।
उन्होंने कहा, ‘‘…नये नियमन लाये जा रहे हैं। इसके तहत साइबर अपराधों के बारे में सूचना देने की जिम्मेदारी संगठनों की होगी। इस व्यवस्था के बाद वे ऐसी चीजों को दबा कर नहीं रख सकते।’’
चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि देश में साइबर क्षेत्र में जो भी जोखिम हैं और जो गतिविधियां हो रही हैं, उसके बारे में सरकार तथा सरकारी एजेंसियों के पास पूरी जानकारी हो।’’
मंत्री के अनुसार, सरकार की प्राथमिकता साइबर क्षेत्र को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाना है। ‘‘हम क्षमता बढ़ाने पर काफी निवेश कर रहे हैं। इंटरनेट भरोसेमंद और मुक्त होने के साथ सुरक्षित भी होना चाहिए। साथ ही इंटरनेट पर काम करने वाले मध्यस्थों को ग्राहकों के प्रति जवाबदेह होना चाहिए।’’
आईबीएम इंडिया के प्रबंध निदेशक संदीप पटेल ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में कंपनी का दूसरा सुरक्षा कमांड केंद्र और अपनी तरह का पहला केंद्र स्थापित करने की घोषणा की। इसका मकसद साइबर सुरक्षा प्रतिक्रिया तकनीक का प्रशिक्षण देना है।
निवेश में नया सुरक्षा परिचालन केंद्र शामिल है। यह विभिन्न देशों के ग्राहकों को सुरक्षा सेवाएं उपलब्ध कराएगा।
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रमण अजय
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