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बुधवार, 21 मई, 2025
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सरकार ने बिजली उत्पादक कंपनियों को कोयला आयात प्रक्रिया शुरू करने को शुक्रवार तक का समय दिया

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नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) सरकार ने घरेलू बिजली उत्पादक कंपनियों को कोयला आयात का ऑर्डर देने के लिये शुक्रवार तक का समय दिया है। इसमें विफल रहने पर उन्हें उनकी जरूरत का केवल 70 प्रतिशत कोयला ही आवंटित किया जाएगा। आधिकारिक अधिसूचना में यह कहा गया है।

इससे पहले, बिजली मंत्रालय ने 18 मई को आगाह किया था कि अगर कोयला आयात का ऑर्डर 31 मई तक नहीं दिया गया और आयातित ईंधन 15 जून तक बिजलीघरों में नहीं पहुंचा, ऐसे में चूक करने वाली बिजली उत्पादक कंपनियों को अपना आयात 15 प्रतिशत तक बढ़ाना होगा।

मंत्रालय ने राज्य सरकारों और बिजली उत्पादक कंपनियों को लिखे पत्र में कहा था कि इसके अलावा यदि 15 जून तक घरेलू कोयले के साथ आयातित कोयले का मिश्रण शुरू नहीं किया जाता है, तो संबंधित चूककर्ता के ताप विद्युत संयंत्रों के घरेलू आवंटन में पांच प्रतिशत की और कमी की जाएगी।

एक जून को जारी नई अधिसूचना के अनुसार, ‘‘स्वतंत्र बिजली उत्पादक समेत उत्पादक कंपनियों ने मिश्रण के लिये कोयला आयात को लेकर अगर कोल इंडिया लि. को तीन जून, 2022 तक सूचना नहीं दी या निविदा प्रक्रिया की शुरुआत नहीं की, उन्हें घरेलू कोयले का केवल 70 प्रतिशत हिस्सा ही आवंटित किया जाएगा…इतना ही नहीं 15 जून, 2022 तक इसे घटाकर 60 प्रतिशत कर दिया जाएगा।’’

इसका पालन नहीं करने वाले चूककर्ताओं के खिलाफ इस कार्रवाई से जो कोयला बचेगा, उसे उन बिजली उत्पादक कंपनियों को दिया जाएगा, जिन्होंने मिश्रण का काम शुरू कर दिया है।

इस बीच, बिजली क्षेत्र में कार्यरत इंजीनियरों के संगठन एआईपीईएफ (ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन) ने सरकार के इस निर्णय को राज्यों पर बेजा दबाव डालने वाला कदम बताया।

संगठन ने एक बयान में कहा कि कोयला संकट राज्य की बिजली उत्पादक इकाइयों की गलती नहीं है। केंद्र को कोयले के आयात की अतिरिक्त लागत वहन करनी चाहिए क्योंकि इससे राज्यों पर मिश्रण के उद्देश्य से कोयला आयात करने का अनुचित दबाव पड़ रहा है।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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