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मंगलवार, 3 जून, 2025
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सरकार ने अनचाहे कॉल के मामले में दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार करने को समिति बनायी

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नयी दिल्ली, 15 फरवरी (भाषा) सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अनचाहे या प्रचार-प्रसार वाले कॉल की समस्या के समाधान के लिए दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया है। इस प्रकार के कॉल न केवल उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता बल्कि उपभोक्ताओं के अधिकारों का भी उल्लंघन करते हैं।

यह निर्णय उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह की अध्यक्षता में 14 फरवरी को यहां हुई बैठक में लिया गया। बैठक में अनचाहे/प्रचार वाले वाणिज्यिक कॉल से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘उपभोक्ता मामलों के विभाग ने उपभोक्ताओं को मिलने वाले अवांछित/प्रचार वाले वाणिज्यिक कॉल की समस्या के समाधान के लिए एक समिति का गठन किया है…।’’

समिति में दूरसंचार उद्योग, टेलीमार्केटिंग कंपनियों के प्रतिनिधि और नियामकीय निकायों के सदस्य शामिल हैं। यह समति दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार करेगी।

नियामक निकायों में दूरसंचार विभाग (डीओटी), वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस), आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक, बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए), भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) और सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) शामिल हैं।

बयान में कहा गया है, ‘‘यह देखा गया कि ये कॉल न केवल उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता बल्कि उपभोक्ताओं के अधिकारों का भी उल्लंघन करते हैं। ऐसी ज्यादातर कॉल वित्तीय सेवा क्षेत्र से होते हैं। इसके बाद रियल एस्टेट का स्थान आता है।’’

बैठक में यह भी बताया गया कि ‘स्पैम कॉल’ करने वाले अब इंटरनेट कॉल को अपना रहे हैं। वे विशेष रूप से ग्राहकों को पोंजी योजनाओं, क्रिप्टो में निवेश और नौकरी के अवसरों की पेशकश करने के लिए व्हॉट्सएप का उपयोग कर रहे हैं।

बयान में कहा गया है, ‘‘बैठक के दौरान, यह पाया गया कि बैंक और वित्तीय सेवाओं, रियल एस्टेट, ई-कॉमर्स मंच तथा अन्य वाणिज्यिक संस्थाओं जैसे विभिन्न क्षेत्रों के सभी टेलीमार्केटिंग कंपनियों को पहले ही सलाह दी गई है कि वे अपने फोन नंबर से पहले 140 नंबर श्रृंखला प्राप्त करें ताकि उपभोक्ता कॉल करने वाले को पहचान सके।’’

यह ग्राहकों को इस बात का नियंत्रण देता है कि वे किस प्रकार की कॉल या संदेश को प्राप्त करना चाहते हैं।

कई अपंजीकृत टेलीमार्केटिंग कंपनियां इन प्रावधानों का पालन नहीं करती हैं।

बैठक में कहा गया कि सभी टेलीमार्केटिंग कंपनियां इन प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन करें।

बैठक में दूरसंचार विभाग, ट्राई, सीओएआई, भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल), वोडाफोन, एयरटेल और रिलायंस के प्रतिनिधि शामिल हुए।

भाषा रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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