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शुक्रवार, 2 मई, 2025
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सरकार ने अनिवार्य ब्रॉडबैंड उपकरण परीक्षण नियम एक सितंबर तक टाला

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नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) दूरसंचार विभाग ने ब्रॉडबैंड उपकरणों के लिए अनिवार्य परीक्षण आवश्यकताओं को एक सितंबर तक के लिए टाल दिया है। अमेरिका के साथ शुल्क मुद्दे पर चल रही बातचीत को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।

अमेरिका सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र में भारत की परीक्षण और प्रमाणन आवश्यकताओं को विशेष रूप से बोझिल बताया है, जिससे वहां की कंपनियों के लिए भारत में अपने उत्पाद बेचना मुश्किल और महंगा हो जाता है।

दूरसंचार विभाग के तहत नेशनल सेंटर फॉर कम्युनिकेशन सिक्योरिटी (एनसीसीएस) ने सात अप्रैल को अधिसूचित किया कि ऑप्टिकल नेटवर्क टर्मिनल (ओएनटी) और ऑप्टिकल लाइन टर्मिनल (ओएलटी) उत्पाद 31 अगस्त तक स्वैच्छिक सुरक्षा प्रमाणन (वीएससी) व्यवस्था के तहत रहेंगे। इस दौरान प्रशासनिक शुल्क और सुरक्षा परीक्षण मूल्यांकन शुल्क नहीं लगाया जाएगा।

इससे पहले, दूरसंचार विभाग ने उन ओएनटी के अनिवार्य परीक्षण और प्रमाणन के लिए एक अप्रैल की तारीख तय की थी, जो पहले से ही दूरसंचार नेटवर्क में तैनात हैं और हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में बदलाव की तैयारी में हैं।

विभाग ने उन ओएनटी पर अनिवार्य प्रमाणन के लिए अंतिम तिथि दो फरवरी तय की थी, जिनका प्रमाणन नहीं हुआ है और जिन्हें भारत में बेचा जाना प्रस्तावित है।

आदेश में कहा गया है, ‘‘इसके बाद एक सितंबर, 2025 से ऐसे उत्पादों को कॉमसेक (संचार सुरक्षा प्रमाणन योजना) योजना के तहत आईटीएसएआर (भारतीय दूरसंचार सुरक्षा आश्वासन आवश्यकताओं) के अनुपालन के लिए अनिवार्य रूप से प्रमाणित किया जाएगा।’’

ओएलटी को ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग करके सिग्नल के पारेषण के लिए ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं की ओर से स्थापित किया जाता है, जबकि ओएनटी को सेवाओं तक पहुंच के लिए उपयोगकर्ता की ओर से लगाया जाता है।

भाषा रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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