(जोयिता डे)
नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) सरकार ने एयर इंडिया को टाटा समूह को सौंपने से पहले एआईएएचएल में ‘रखे गए’ 61,000 करोड़ रुपये के पुराने कर्ज और अन्य देनदारियों का निपटारा कर दिया है। एआईएएचएल के पास एयरलाइन की शेष संपत्तियां और देनदारियां हैं।
एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
विमानन कंपनी पर 31 अगस्त, 2021 तक कुल 61,562 करोड़ रुपये का कर्ज था। इसमें से टाटा समूह ने 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज अपने ऊपर ले लिया, और बाकी 75 प्रतिशत या लगभग 46,000 करोड़ रुपये एक विशेष उद्देश्यीय कंपनी एआई एसेट होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) को हस्तांतरित कर दिया गया।
एआईएएचएल के पास एयर इंडिया की अन्य परिसंपत्तियां जैसे होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एचसीआईएल) में हिस्सेदारी, पेंटिंग और कलाकृतियां तथा अचल संपत्तियां भी हैं।
निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि एयर इंडिया के बकाया और देनदारियों को चुकाने को संसद ने पिछले महीने एआईएएचएल में इक्विटी निवेश के लिए 62,057 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी।
दीपम ने एयर इंडिया के निजीकरण की प्रक्रिया को पूरा किया।
उन्होंने कहा कि मोटे तौर पर लगभग 61,131 करोड़ रुपये का इस्तेमाल पूरे कर्ज और अन्य देनदारियों, जैसे तेल कंपनियों का ईंधन बकाया, को चुकाने के लिए किया गया।
उन्होंने कहा कि कर्ज और अन्य देनदारियों पर ब्याज बहुत अधिक था, इसलिए कर्ज चुकाने का फैसला किया गया।
पांडेय ने कहा, ‘‘सरकार के अतिरिक्त कर्ज और अतिरिक्त देनदारियों के लिए लगभग 61,131 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई।’’
उन्होंने कहा कि सरकार पर जो भी बकाया था, उसे बाद में भुगतान करने के बजाय सबकुछ चुका दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पाया कि इसपर काफी ब्याज लग रहा था। इसे बनाए रखना और बाद में भुगतान करना उचित नहीं था।’’
भाषा पाण्डेय अजय
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