नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) सरकार ने बेराइट्स, फेल्सपार, अभ्रक और क्वार्ट्ज को ‘प्रमुख’ खनिजों की श्रेणी में शामिल करने की शुक्रवार को घोषणा की।
इस कदम से ऐसे संसाधनों की खोज व वैज्ञानिक खनन को बढ़ावा मिलेगा जो कई महत्वपूर्ण खनिजों का प्राथमिक स्रोत हैं।
इससे पहले इन्हें ‘गौण’ खनिजों के रूप में वर्गीकृत किया जाता था।
आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘खान मंत्रालय ने 20 फरवरी 2025 के राजपत्र अधिसूचना के तहत खनिजों बेराइट्स, फेल्सपार, अभ्रक और क्वार्ट्ज को गौण खनिजों की सूची से प्रमुख खनिजों की श्रेणी में डाल दिया है। ’’
सरकार के राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन की शुरुआत के बाद यह कदम उठाया गया है। इस मिशन का मकसद देश के भीतर महत्वपूर्ण खनिजों की खोज व खनन करना है, जिसमें विभिन्न खानों और अन्य जगहों से इन खनिजों को निकालना शामिल है।
इन खनिजों के पुनर्वर्गीकरण से मौजूदा पट्टों की पट्टा अवधि पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। प्रमुख खनिजों के रूप में इन खनिजों के लिए पट्टे अनुदान की तारीख से 50 वर्ष की अवधि तक या नवीनीकरण अवधि के पूरा होने तक (यदि कोई हो) एमएमडीआर अधिनियम 1957 की धारा 8ए के अनुसार जो भी बाद में हो तक बढ़ाए जाएंगे।
बयान में कहा गया, ये खदानें धीरे-धीरे भारतीय खान ब्यूरो में पंजीकृत होंगी और इन्हें प्रमुख खनिजों के रूप में विनियमित किया जाएगा। इसके लिए चार महीने की अवधि यानी 30 जून तक का प्रावधान किया गया है। इन खनिजों की खदानों से राजस्व राज्य सरकार को पहले की तरह ही मिलता रहेगा।
भाषा निहारिका रमण
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