नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने असम में यूरिया संयंत्र की स्थापना को बुधवार को मंजूरी दे दी। इसकी अनुमानित लागत 10,601.4 करोड़ रुपये है।
यह मंजूरी इस प्रमुख फसल पोषक तत्व के आयात को कम करने और भारत को इसके मामले में आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास के तहत दी गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल), नामरूप असम के मौजूदा परिसर में 12.7 लाख टन सालाना यूरिया उत्पादन क्षमता वाले एक नए अमोनिया-यूरिया परिसर की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
यह संयंत्र एक संयुक्त उद्यम (जेवी) के जरिये 70:30 के ऋण-इक्विटी अनुपात के साथ 10,601.40 करोड़ रुपये की अनुमानित कुल परियोजना लागत से स्थापित किया जाएगा।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि नामरूप-चार परियोजना के चालू होने की संभावित समयसीमा 48 महीने है।
मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय उर्वरक लिमिटेड (एनएफएल) की 18 प्रतिशत की इक्विटी भागीदारी को लोक उद्यम विभाग (डीपीई) के दिशानिर्देशों में निर्धारित सीमाओं में छूट देने और नामरूप-चार उर्वरक संयंत्र की स्थापना की प्रक्रिया की देखरेख के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) के गठन को भी मंजूरी दी।
बयान में कहा गया, ‘‘ इस परियोजना से देश में विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र में घरेलू यूरिया उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। इससे पूर्वोत्तर, बिहार, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड में यूरिया उर्वरकों की बढ़ती मांग पूरी होगी।’’
नामरूप-चार इकाई की स्थापना से ऊर्जा की खपत अधिक होगी और क्षेत्र के लोगों के लिए प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अतिरिक्त अवसर भी खुलेंगे।
सरकार ने कहा, ‘‘ इससे देश में यूरिया के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।’’
भाषा निहारिका अजय
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