नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 10,750 से अधिक उत्पाद श्रेणियों में निर्यात को समर्थन देने के लिए निर्यात लाभ योजना आरओडीटीईपी के तहत 18,233 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। मंगलवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
आरओडीटीईपी योजना के तहत 31 मार्च, 2025 तक कुल 57,976.78 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
सरकार ने यह भी कहा कि विशेष आर्थिक क्षेत्रों और निर्यात-उन्मुख इकाइयों में बनी वस्तुओं के निर्यात के लिए योजना के तहत लाभ इस साल एक जून से बहाल हो गए हैं।
निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट (आरओडीटीईपी) की योजना के तहत, उत्पादन में इस्तेमाल किए गए उत्पादों पर लगाए गए विभिन्न केंद्रीय और राज्य शुल्क, कर और अन्य शुल्क निर्यातकों को वापस कर दिए जाते हैं।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने इस योजना के तहत 18,233 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।’’
इस सहायता का लाभ अग्रिम अधिकार (एए) धारकों, निर्यातोन्मुख इकाइयों (ईओयू) और विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में काम करने वाली इकाइयों को मिलेगा।
यह योजना विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मानदंडों के अनुरूप है और इसे डिजिटल मंच के जरिये लागू किया जाता है, ताकि इसमें पारदर्शिता और कार्यक्षमता सुनिश्चित की जा सके।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ’‘‘आरओडीटीईपी के लिए सरकार का रुक-रुक कर चलने वाला नजरिया इस योजना के उद्देश्य को कमजोर करता है।’’
उन्होंने कहा कि लाभों की बहाली स्वागतयोग्य है, लेकिन सवाल यह है कि इसे बीच में क्यों रोक दिया गया था?
उन्होंने आगे कहा कि भारत को एक स्थिर और प्रतिस्पर्धी निर्यात केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए, सरकार को कम से कम पांच वर्षों के लिए निर्बाध रूप से आरओडीटीईपी का लाभ सुनिश्चित करना चाहिए।
भाषा पाण्डेय अजय
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