बर्न, 11 जून (भाषा) स्विट्जरलैंड की आर्थिक मामलों की राज्य सचिव हेलेन बुडलिगर आर्टिडा ने कहा कि स्विट्जरलैंड से निवेश आकर्षित करने के लिए भारत में एक अच्छा नियामक ढांचा तैयार करना और लालफीताशाही को कम करना बेहद आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि यहां के कारोबारियों ने नौकरशाही संबंधी बाधाओं के बारे में चिंता जाहिर की है।
भारत और चार यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए ने 10 मार्च 2024 को व्यापार एवं आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर हस्ताक्षर किए। इसके एक अक्टूबर से लागू होने की उम्मीद है।
समझौते के तहत, भारत को समूह से 15 वर्ष में 100 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता हासिल हुई है, जबकि स्विस घड़ियों, चॉकलेट्स और तराशे गए हीरों जैसे कई उत्पादों को कम या शून्य शुल्क पर अनुमति दी गई है।
यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के सदस्य आइसलैंड, लिश्टेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं।
उन्होंने कहा कि 100 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश के लिए, ‘‘ हमें सर्वोत्तम ढांचागत स्थितियों की आवश्यकता है। इस पर (वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष) गोयल की उपस्थिति में व्यापार गोलमेज बैठक पर चर्चा की गई।’’
आर्टिडा ने 10 जून को गोयल से मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘ यह महत्वपूर्ण होगा कि लालफीताशाही को यथासंभव कम किया जाए। यहां तक कि स्विट्जरलैंड में भी कंपनियां हमेशा शिकायत करती हैं कि वहां बहुत अधिक लालफीताशाही है। यह बहुत महत्वपूर्ण होगा कि भारत, स्विट्जरलैंड से निवेश के लिए एक अच्छा ढांचा तैयार करे।’’
गोयल, भारत में निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से व्यवसाइयों से मिलने के लिए दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर यहां पहुंचे थे।
स्विट्जरलैंड सरकार के भारत और स्विट्जरलैंड के बीच दोहरे कराधान से बचाव समझौते (डीटीएए) में सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा देने वाले खंड को निलंबित करने के मुद्दे पर, आर्टिडा ने कहा कि इसको लेकर गलतफहमी है।
उन्होंने कहा, ‘‘ वास्तव में इसका कोई संबंध नहीं है… मुझे लगता है कि यह जानना महत्वपूर्ण है कि भारत और स्विट्जरलैंड दोनों के बीच दोहरे कराधान की संधि है। यह संधि वैध है और इसका मतलब है कि इसको लेकर कोई मुद्दा नहीं होगा।’’
आर्टिडा ने साथ ही कहा कि स्विट्जरलैंड को भारत में 15 वर्षों में 100 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता हासिल करने का पूरा भरोसा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे पूरा विश्वास है कि हम इसे हासिल कर लेंगे।’’
भारत-ईएफटीए द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 18.65 अरब अमेरिकी डॉलर रहा (इसमें से 17.14 अरब अमेरिकी डॉलर स्विट्जरलैंड के साथ रहा) जबकि 2021-22 में यह 27.23 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। वित्त वर्ष 2024-25 में व्यापार घाटा 14.8 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था।
वित्त वर्ष 2024-25 में, ईएफटीए से भारत का आयात 2023-24 में 22 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 22.5 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। पिछले वित्त वर्ष में निर्यात 1.96 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो 2023-24 में 1.94 अरब अमेरिकी डॉलर था।
ईएफटीए में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार स्विट्जरलैंड है। उसके बाद नॉर्वे का स्थान आता है।
भारत को अप्रैल 2000 से मार्च 2025 के बीच स्विट्जरलैंड से करीब 10.83 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ है। स्विट्जरलैंड, भारत में 12वां सबसे बड़ा निवेशक है।
भाषा निहारिका मनीषा
मनीषा
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