नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश में कपास उत्पादकता बढ़ाने के लिए, अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों की आपूर्ति समय की मांग है और संबंधित मंत्रालयों की ओर से इस संदर्भ में कुछ ठोस कदम उठाये जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कपास की उत्पादकता बढ़ाने के लिए अधिक उपज देने वाले वाले कपास बीज और उच्च घनत्व रोपण प्रणाली जैसे नवीन कृषि विज्ञान से संबंधित उन्नत तकनीकों को पेश करने की जरूरत भी बतायी।
गोयल ने कपड़ा उद्योग से भारतीय कपास ‘कस्तूरी’ की ब्रांडिंग एवं प्रमाणीकरण के लिए स्व-विनियमन का आह्वान किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार उद्योग के योगदान के लगभग बराबर धन के साथ इस पहल का समर्थन करेगी।
कपड़ा मंत्री ने सोमवार को कपड़ा सलाहकार समूह (टीएजी) के साथ तीसरी बैठक की।
उन्होंने कस्तूरी मानकों, डीएनए परीक्षण और मूल स्थान का पता लगाने की क्षमता के अनुरूप परीक्षण सुविधा को मजबूत करने पर भी जोर दिया।
गोयल ने आश्वासन दिया कि भारतीय मानक ब्यूरो और कपड़ा अनुसंधान संघों के माध्यम से पर्याप्त आधुनिक परीक्षण सुविधाएं बनाई जाएंगी।
उन्होंने कस्तूरी कपास की गुणवत्ता, उत्पत्ति स्थल का पता लगाने और ब्रांडिंग पर काम करने के लिए उद्योग और उसके नामित निकाय द्वारा की गई कार्रवाई की सराहना की।
मंत्री ने कहा कि भारतीय कपास फाइबर की गुणवत्ता सर्वोपरि है, इसलिए कपास गांठों के मानकीकरण के लिए बीआईएस अधिनियम 2016 के तहत कपास गांठ गुणवत्ता नियंत्रण आदेश का कार्यान्वयन अनिवार्य है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए, गोयल ने नयी दिल्ली में आयोजित अंतिम चर्चा बैठक के बाद उठाये गये कदमों की समीक्षा की।
भाषा राजेश राजेश रमण
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