मुंबई, 16 अगस्त (भाषा) भारत में सोने के आभूषणों की मांग चालू वित्त वर्ष की दूसरी और तीसरी तिमाही में घटने की संभावना है। इसकी मुख्य वजह आयात शुल्क में वृद्धि, कीमतों में अस्थिरता तथा मुद्रास्फीतिक दबाव है। इक्रा की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
वहीं चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मांग में सालाना आधार पर आठ प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। तीसरी तिमाही में यह गिरावट अधिक ऊंची यानी 15 प्रतिशत से अधिक रहने की आशंका है। इसकी वजह 2021-22 की समान अवधि का ऊंचा आधार प्रभाव है।
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के असाधारण प्रदर्शन की वजह कोविड महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के फिर से खुलने और शादी-विवाह के सीजन की मांग थी।
बहरहाल, वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में मजबूत प्रदर्शन और चालू वित्त वर्ष में शादियों और त्योहारी सीजन की स्थिर मांग के कारण पूरे साल के लिए आभूषण उद्योग के 10 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि संगठित आभूषण खुदरा उद्योग का राजस्व चालू वित्त वर्ष में सालाना आधार आधार पर 14 प्रतिशत अधिक रहने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अक्षय तृतीया के दौरान मजबूत मांग और शादी की खरीदारी में निरंतर गति के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आभूषण खुदरा क्षेत्र में 88 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि का अनुमान है।
यह मजबूत वृद्धि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के अपेक्षाकृत निचले आधार प्रभाव के कारण है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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