नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) संसदीय समिति की सिफारिशों के अनुरूप प्रस्तावित डेटा संरक्षण विधेयक लागू होने से भारत के कारोबारी माहौल में बड़ी गिरावट आने के साथ विदेशी निवेश प्रवाह भी प्रभावित होगा। वैश्विक उद्योग संगठनों ने यह आशंका जताई है।
इन उद्योग संगठनों ने सरकार को लिखे एक संयुक्त पत्र में कहा है कि डेटा संरक्षण विधेयक को संसद में पेश किए जाने के पहले इसके मसौदे पर संबंधित पक्षों के साथ अभी व्यापक विचार-विमर्श करने की जरूरत है।
गत एक मार्च को भेजे गए इस पत्र में वैश्विक उद्योग निकायों ने कहा है कि डेटा संरक्षण विधेयक पर संसदीय समिति की रिपोर्ट में की गई अनुशंसाएं लागू किए जाने पर भारत के नवोन्मेष परिवेश पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को लिखे पत्र में उद्योग संगठनों ने यह आशंका भी जताई है कि भारत में एक लाख करोड़ डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था के वादे का भी पूरा हो पाना मुश्किल हो जाएगा।
अमेरिका, जापान, यूरोप, दक्षिण-पूर्व एशिया और भारत से जुड़े इन उद्योग संगठनों के साथ गूगल, अमेजन, सिस्को, डेल, सॉफ्टबैंक और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनियां जुड़ी हुई हैं।
उद्योग निकायों का कहना है कि इस प्रस्तावित अधिनियम को लेकर गैर-व्यक्तिगत आंकड़ों को भी इस कानून की जद में लाना, सीमापार जानकारी भेजने पर पाबंदी, आंकड़ों के स्थानीय स्तर पर रखे जाने संबंधी शर्तों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) सॉफ्टवेयर प्रमाणन से जुड़ी आशंकाएं पैदा होती हैं।
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प्रेम रमण
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