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Friday, 17 January, 2025
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वैश्विक आर्थिक संकट का भारत के पुनरुद्धार पर असर नहीं: मूडीज

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नयी दिल्ली, छह सितंबर (भाषा) भारत के आर्थिक पुनरुद्धार पर वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष बढ़ी रही चुनौतियों, ऊंची महंगाई दर और वित्तीय स्थिति तंग होने का असर नहीं पड़ेगा। रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने देश का रेटिंग परिदृश्य स्थिर बरकरार रखते हुए मंगलवार को यह बात कही।

मूडीज के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 7.6 प्रतिशत रहेगी जबकि पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में यह 8.7 प्रतिशत थी। वहीं 2023-24 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी है।

रेटिंग एजेंसी ने भारत को बीएए3 रेटिंग दी हुई है जो निम्न निवेश स्तर की रेटिंग है। पिछले साल अक्टूबर में रेटिंग परिदृश्य को नकारात्मक से स्थिर किया था।

मूडीज ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘भारत की साख की स्थिति समेत उच्च वृद्धि क्षमता के साथ बड़ी और विविध अर्थव्यवस्था, बाहरी मोर्चे पर अपेक्षाकृत मजबूत स्थिति तथा सरकार के कर्ज के लिये स्थिर घरेलू वित्तपोषण आधार उसकी मजबूती को बताता है।’’

साख को लेकर मुख्य चुनौतियों में निम्न प्रति व्यक्ति आय, केंद्र एवं राज्य सरकारों का अधिक कर्ज, ऋण लेने की क्षमता और सुधारों को प्रभावी तरीके से लागू करना शामिल हैं।

रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘हमें नहीं लगता कि रूस-यूक्रेन युद्ध, उच्च मुद्रास्फीति और केंद्रीय बैंकों के नीतिगत दरों में वृद्धि समेत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये बढ़ती चुनौतियां वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में भारत में जारी पुनरुद्धार पर प्रतिकूल असर डालेंगी।’’

मूडीज के अनुसार, स्थिर परिदृश्य उसके इस विचार को बताता है कि अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली के बीच नकारात्मक प्रतिक्रिया से जो जोखिम है, वह कम हुआ है।

उसने कहा, ‘‘पर्याप्त पूंजी की स्थिति के साथ बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों को लेकर पहले की तुलना में जोखिम कम हुए हैं। इससे पुनरुद्धार को गति मिली है।’’

मूडीज ने कहा, ‘‘हालांकि उच्च कर्ज बोझ और कर्ज लेने की क्षमता के कमजोर होने को लेकर जोखिम है। लेकिन हमारा अनुमान है कि जो आर्थिक परिवेश है, उससे सरकार (केंद्र एवं राज्य सरकारों) का राजकोषीय घाटा अगले कुछ साल में धीरे-धीरे कम होगा। इससे सरकारी साख में कमी की गुंजाइश कम है।’’

उसने कहा कि आर्थिक और वित्तीय क्षेत्र में सुधारों को प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन के समर्थन से अगर भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावना अपेक्षा के विपरीत उल्लेखनीय रूप से बढ़ती है तो वह रेटिंग को उन्नत कर सकता है। आर्थिक और वित्तीय क्षेत्र में सुधारों को प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन से निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ा है।

मूडीज ने कहा कि राजकोषीय नीति उपायों के प्रभावी क्रियान्वयन से अगर सरकार का कर्ज बोझ कम होता है और ऋण लेने की क्षमता में सुधार आता है, उससे भी साख की स्थिति बेहतर होगी।

हालांकि, कमजोर आर्थिक स्थिति या वित्तीय क्षेत्र में जोखिम बढ़ने से रेटिंग के नीचे जाने का जोखिम है।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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