नई दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) सरकार ने ‘विश्व खाद्य भारत’ शिखर सम्मेलन के दौरान 26 विदेशी और घरेलू कंपनियों के साथ समझौते किए, जिसके तहत कुल 1.02 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है।
खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने 25 से 28 सितंबर तक राष्ट्रीय राजधानी स्थित भारत मंडपम में इस शिखर सम्मेलन का आयोजन किया।
मंत्रालय ने रविवार को एक आधिकारिक बयान में कहा कि ‘विश्व खाद्य भारत 2025’ बड़े पैमाने पर निवेश प्रतिबद्धताओं के साथ संपन्न हुआ।
मंत्रालय ने कहा, ”चार दिवसीय आयोजन के दौरान 26 अग्रणी घरेलू और वैश्विक कंपनियों ने कुल 1,02,046.89 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जो भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में सबसे बड़ी निवेश घोषणाओं में से एक है।”
इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था और इसके पहले दिन केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान ने कहा था कि चार दिवसीय कार्यक्रम के दौरान एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
मंत्रालय ने बयान में कहा, ”इन समझौता ज्ञापनों से 64,000 से अधिक लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने तथा 10 लाख से अधिक व्यक्तियों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने का अनुमान है।”
जिन कंपनियों ने समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं, उनमें रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, कोका-कोला सिस्टम इन इंडिया, गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (अमूल), फेयर एक्सपोर्ट्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड (लुलु ग्रुप), नेस्ले इंडिया, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड और कार्ल्सबर्ग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
इसके अलावा बीएल एग्रो इंडस्ट्रीज, एबीआईएस फूड्स एंड प्रोटीन्स, एसीई इंटरनेशनल, पतंजलि फूड्स, गोदरेज एग्रोवेट, एग्रिस्टो मासा, तिवाना न्यूट्रिशन ग्लोबल, हल्दीराम स्नैक्स फूड, इंडियन पोल्ट्री अलायंस, मिसेज बेक्टर्स फूड स्पेशलिटीज लिमिटेड, डाबर इंडिया लिमिटेड, अल्लाना कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, ओलम फूड इंग्रीडिएंट्स, एबी इनबेव, क्रेमिका फूड पार्क, डेयरी क्राफ्ट, सनडेक्स बायोटेक, नासो इंडस्ट्रीज और ब्लूपाइन फूड्स ने भी समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।
भाषा योगेश पाण्डेय
पाण्डेय
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